चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जिला पंचकूला के गांव खड़क मंगोली और राजीव व इंदिरा कॉलोनी में झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे गरीब लोगों के पुर्नवास के लिए जल्द ही एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए लगभग 7500 झुग्गियों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री पंचकूला में खड़क मंगोली में लोगों के पुर्नवास के लिए चिन्हित की गई भूमि का निरीक्षण करने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी उपस्थित रहे।
अवैध झुग्गियों में वर्षों से रह रहे
मनोहर लाल ने कहा कि पंचकूला के गांव खड़क मंगोली, राजीव व इंदिरा कॉलोनी में लोग वर्षों से अवैध झुग्गियां बनाकर रह रहे है। अवैध अतिक्रमण को हटाने और लोगों का पुर्नवास करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा गांव खड़क मंगोली में 59.12 एकड भूमि चिन्हित की गई है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग व राजस्व विभाग के साथ जल्द ही एक बैठक कर उक्त भूमि के संबंध में सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करने उपरांत एक योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी के हितों का रखा जाएगा ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खड़क मंगोली, राजीव व इंदिरा कॉलोनी की झुग्गियों में रह रहे लोगों के पुर्नवास की योजना तैयार करने के लिए आज ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के साथ चंडीगढ के धनास और मलोया क्षेत्र का दौरा कर, वहां रह रहे लोगों के साथ-साथ प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी बातचीत की है। उन्होंने कहा कि योजना तैयार करने से पूर्व सभी हितधारको से बातचीत कर विभिन्न मॉडलों पर चर्चा की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर सरकार द्वारा लाभार्थियों को बैंक से लोन भी मुहैया करवाया जाएगा।
प्रत्येक शहर के लिए तैयार होगी अलग अलग योजना
मनोहर लाल ने कहा कि घग्गर नदी के साथ लगते क्षेत्र में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की कुछ जमीन है, जो नीचे में होने के कारण उपयोगी नहीं है। उन्होंने एचएसवीपी को निर्देश दिए हैं कि घग्गर नदी में पानी के सुरक्षित बहाव को देखते हुए इस जमीन के उपयोग की एक योजना तैयार की जाए ताकि क्षेत्र का समन्वित विकास हो सके। गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य बड़े शहरों को स्लम मुक्त बनाने के लिए सरकार की कार्य योजना के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में श्री मनोहर लाल ने कहा कि भूमि की उपलब्धता और अतिक्रमण के आधार पर प्रत्येक शहर की अलग-अलग योजना तैयार की जाएगी।