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Aja Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 गुरुवार को मनाई जायेगी। अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

Aja Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने की अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 गुरुवार को मनाई जायेगी। अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। व्रत के दौरान जातकों को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए। चलिए जानते है अजा एकादशी व्रत के जरुरी नियम, जिन्हें जानना आवश्यक है। 

अजा एकादशी व्रत के दिन क्या करें? 
(Aja Ekadashi Vrat Par Kya Kare)

अजा एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को उनके प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। साथ ही भोग में तुलसी के पत्ते को जरूर रखें। अजा एकादशी व्रत के दौरान जरूरतमंदों को दान करना भी शुभ माना गया है। साथ ही व्रत अवधि के दौरान प्रभु के भजन-कीर्तन अवश्य करें। इसके अलावा पूजा से पहले मंदिर को स्वच्छ करना न भूलें। व्रत पारण किये बिना शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है, इसलिए यह नियम अनुसार ही करें। 

अजा एकादशी व्रत के दिन क्या न करें 
(Aja Ekadashi Vrat Par Kya Nahi Kare)

अजा एकादशी व्रत के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। साथ ही इस दिन तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा व्रत के दिन किसी भी व्यक्ति से वाद-विवाद न करें। बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें। यही नहीं धन की बर्बादी करने से बचें और प्रकृति को हानि न पहुंचाएं। अजा एकादशी व्रत के दिन ध्यान रखें तुलसी के पत्ते न तोड़े, यह कार्य एक दिन पहले करें। व्रत वाले दिन सुबह पूजा के पश्चात निद्रा लेना अशुभ माना गया है। 

अजा एकादशी शुभ मुहूर्त 2024 
(Aja Ekadashi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस तिथि की शुरुआत गुरुवार 29 अगस्त देर रात 1 बजकर 19 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन शुक्रवार 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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