Swastik Benefits: हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। किसी भी शुभ अथवा धार्मिक कार्यों में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुमकुम या फिर हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनाने के कई लाभ है। इस चिन्ह से कई तरह के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन स्वास्तिक बनाने के लिए पीछे कई ज्योतिष नियम है, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक होता है। चलिए जान लेते है उनके बारे में। 

स्वास्तिक चिन्ह बनाने के नियम और फायदे 

  • - स्वास्तिक चिन्ह कुमकुम अथवा हल्दी से बनाया जाना चाहिए। कहते है हल्दी से बना स्वास्तिक चिन्ह घर-परिवार में सुख-समृद्धि लेकर आता है। 
  • - हल्दी से बना स्वास्तिक चिन्ह घर के मुख्य द्वार पर बनाना शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर का पूरा वातावरण सुखमय और शांतिपूर्ण रहता है। 
  • - हल्दी से बना स्वास्तिक चिन्ह घर के मंदिर में भी बनाना चाहिए। ऐसा करने से घर-परिवार में गणपति जी की कृपा से सकारात्मक ऊर्जा रहती है। 
  • - घर में स्वास्तिक चिन्ह बनाने से कई पुरानी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। लंबे समय से चल रही बीमारी का भी इस उपाय से अंत होने लगता है। 

लक्ष्मी कृपा से जुड़ा है स्वास्तिक चिन्ह 

मां लक्ष्मी और कुबेर देव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति को अपने घर-परिवार में हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। ऐसा करने से सभी सदस्यों पर मां लक्ष्मी की कृपा रहती है। साथ ही घर में सुखमय वातावरण तैयार होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा घर में बना स्वास्तिक चिन्ह नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है। ज्योतिष के अनुसार घर के मंदिर में पूजा करते समय हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह अवश्य बनाना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।