Chaitra Navratri 2024 Vastu Tips: चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो चुका है और ये 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक रहेगी। सनातम धर्मियों को यह प्रमुख धार्मिक पर्व है। इन दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान कुछ वास्तु नियमों का पालन करना जरुरी होता है। वास्तु के हिसाब से काम करने पर जीवन में शांति का अनुभव होता है और मां के आशीर्वाद से कठिन परेशानियां भी दूर होती है। जानते है वास्तु नियम-
अखंड ज्योति जलाए
चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा में अखंड ज्योति प्रज्जवलित करना शुभकारी होता है। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अखंड ज्योति को कलश के दायीं तरफ रखना चाहिए। इसके अलावा पूजा का स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
पूजा करने की दिशा
चैत्र नवरात्रि की पूजा पूर्व और उत्तर दिशा में करना शुभ माना गया है। इस दिशा में मां की पूजा करने से जीवन में तरक्की और कार्यक्षेत्र में सफलता के योग बनते है। इसलिए वास्तु के अनुसार, इस उपाय को ध्यान में रखते हुए काम करना जीवन में आर्थिक तरक्की और मां के आशीर्वाद का भागीदार बनाता है।
मूर्ति स्थापना की दिशा
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, देवी दुर्गा की मूर्ति उत्तर-पूर्व कोने में रखें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं, नवरात्रि की पूजा सामग्री को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ रहता है, ऐसा करने से मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है।
मुख्य द्वार पर स्वास्तिक
वास्तु शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के दिनों में घर के प्रवेश द्वारा पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही मां की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश भी होता है।
घर की स्वच्छता का रखें ध्यान
चैत्र नवरात्रि के दिनों में घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप इन दिनों घर में पूरी साफ़-सफाई रखते है तो मां आदिशक्ति प्रसन्न होती है। नवरात्रि के दौरान पुराने कपड़े, खराब फर्नीचर, शीशे आदि को घर से बाहर कर देना ही उत्तम रहता है।