Grah Pravesh Kab Nahi Karna Chahiye : रोटी, कपड़ा और मकान हर किसी की जरुरत होती है। यह व्यक्ति के जीवन की मूलभूत जरूरतों में शामिल है। यहां हम बात कर रहे है स्वयं के घर की, जिसे लेने के बाद गृह प्रवेश की परंपरा निभाई जाती है। अक्सर लोग गृह प्रवेश के दौरान कुछ गलतियां कर बैठते है, जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। इससे जीवन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित होता है। जानते है गृह प्रवेश कब करना चाहिए और कब नहीं।
गृह प्रवेश कब करना चाहिए?
(Grah Pravesh Kab Karna Chahiye)
नए घर में प्रवेश के लिए शुभ दिन, वार एवं नक्षत्र का विशेष ध्यान रखें। शुभ समय में गृह प्रवेश जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है। ज्योतिष शास्त्र में गृह प्रवेश के लिए किसी भी मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचंमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, और त्रयोदशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा माघ, फाल्गुन, ज्येष्ठ और वैशाख का महीना भी उत्तम रहता है। ये ऐसे शुभ मुहूर्त है, जिनमें विधिपूर्वक पूजा-पाठ करवाकर गृह प्रवेश कर सकते है।
गृह प्रवेश कब नहीं करना चाहिए?
(Grah Pravesh Kab Nahi Karna Chahiye)
ज्योतिष शास्त्र में गृह प्रवेश के लिए कुछ दिन अशुभ माने गए है। इनमें अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तिथि प्रमुख है। इसके अलावा शनिवार, रविवार और मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश करना वर्जित माना गया है। कहते है अशुभ समय में किया गया गृह प्रवेश परिवार के सदस्यों की धन हानि करवाता है। पंचांग की मानें तो कभी भी दिवाली के बाद व होली से पहले नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। सबसे अहम बात घर में पहला कदम किसी कन्या का या फिर किसी स्त्री का ही पड़ना चाहिए। भूलकर भी पुरुष को नए घर में सबसे पहले प्रवेश नहीं करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।