Heera Pehanne ke Niyam: रत्न शास्त्र में अलग-अलग 9 तरह के रत्नों के बारे में बताया गया है। इन रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से जरूर होता है। ज्योतिष शास्त्र कहता है कि कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति मजबूत करने के लिए जातकों को राशि अनुसार रत्न धारण करने चाहिए। इसी कड़ी में आज हम आपको बेशकीमती रत्न हीरे के बारे में बता रहे है, जिसकी खूबसूरती और कीमत हर किसी को चौंका देती है। चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से -
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी तरह के रत्न को धारण करने से पहले संबंधित लोगों की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। हीरा शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह रत्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए शुभ माना गया है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में शुक्र योगकारक की स्तिथि में है, उन्हें भी रत्न हीरा धारण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हीरे के रत्न को सोने या चांदी के धातु में जड़वा कर धारण करना सही रहता है।
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति को जांचना-परखना जरुरी होता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार मेष, मीन, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए हीरा पहनना अशुभ माना गया है। इसलिए इन जातकों को हीरा पहनने से परहेज करना चाहिए।
हीरा पहनने के फायदे
(Heera ke Fayde)
- - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा धारण करने से व्यक्तित्व में निखार आता है और आकर्षण बढ़ता है।
- - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा धारण करने से दांपत्य जीवन में निखार आता है और प्रेम बढ़ता है।
- - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरे का रत्न मीडिया, फैशन और डिजाइनिंग क्षेत्र के लोगों के लिए शुभ है।
- - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरे का रत्न धारण करने से आत्मविश्वास मजबूत और सुदृढ़ होता है।
हीरा कैसे धारण करें?
(Heera Dharan Karne ka Tarika)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरे के रत्न को सोने या चांदी के धातु में जड़वा कर धारण करना सही रहता है। आप 0.50 से लेकर 2 कैरट का हीरा धारण कर सकते हैं। हीरे के रत्न को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्योदय होने के बाद पहनना शुभ माना गया है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।