Nag Panchami 2024: अभी सावन का महीना चल रहा है। यह पूरा माह भगवान भोलेनाथ और उनके भक्तों को समर्पित है। इसी माह में कई ऐसे पर्व आते है, जिनका संबंध भी सीधे तौर पर शिव से माना गया है। उन्हीं में से एक है नागपंचमी जोकि भगवन शिव के गले में विराजे नाग देवता को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी के दिन नाग देवता की विधि विधान से पूजा की जाए तो साधक को कुंडली के कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष नाग पंचमी सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि इस वर्ष 2024 में 8 अगस्त की रात 9 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन अगले दिन 9 अगस्त की रात 11 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए नागपंचमी इस बार 9 अगस्त को मनाई जायेगी। चलिए जानते है कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए नागपंचमी के दिन किये जाने वाले कुछ विशेष उपायों के बारे में।
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए नागपंचमी का उपाय
(Kaalsarp Dosh Se Mukti Ke Liye Nag Panchami Upay)
नागपंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके पश्चात गेहूं के आटे को गूंथ लें और इसकी पिट्ठी बना लेवें। अब इस आटे की पिट्ठी से नाग देवता की आकृति बना कर घर के द्वार के बाहर रख देवें। इस आकृति पर रोली सिंदूर लगावें। इसके पश्चात फूल माला, दूध और लावा अर्पित करें।
अब धूप अगरबत्ती दिखा कर नाग देवता की पूजा करें। पूजा के पश्चात घर के नजदीकी स्थित नागेश्वर शिवलिंग की पूजा अर्चना करें। इस उपाय को करने साधक को कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त होती है। गौरतलब है कि इस बार नागपंचमी पर सिद्ध और साध्य योग निर्मित हो रहे है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।