Kharab Ketu Ke Lakshan: ब्रह्मांड में कुल नौ ग्रह है, इनमे से भी राहु और केतु का नाम आते ही लोगों के मन में तनाव की स्तिथि बन जाती है। दोनों ही ग्रहों को अशुभ प्रभाव छोड़ने वाला माना जाता है। दोनों ही ग्रहों का स्वभाव एक-दूसरे से बिल्कुल विपरीत होता है। यहां हम मुख्य रूप से केतु ग्रह की बात करेंगे जोकि रहस्य्मयी एनर्जी का कारक माना जाता है। कहते है जिन लोगों की कुंडली में केतु की स्तिथि खराब हो जाती है, उन लोगों के जीवन में परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे लोग अपनी पीड़ा भी किसी के समक्ष व्यक्त नहीं कर पाते है। इस स्तिथि में वे मन के अंदर ही अंदर ही घुटते रहते है।
केतु की कुंडली में मौजूदगी जातकों की मानसिक अवस्था को भी बिगाड़ती है। ऐसे जातक यदि किसी बात को गहराई से लेने लग जाए तो वे उसी बारे में सोचते रहते है। ऐसे में एक दिन उनके सब्र का बांध टूट जाता है और एक साथ पूरा गुस्सा गुबार के रूप में निकल आता है। जानते है ख़राब केतु के लक्षण।
खराब केतु से पनपते है शरीर में रोग
केतु की खराब स्तिथि जातकों के शरीर को रोगों का शिकार बना देती है। ऐसे जातक मानसिक रूप से अत्यधिक दबाब महसूस करने लगते है। उन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगती है। इसके अलावा आंतों से संबंधित दिक्कत और कब्ज की समस्या हो जाती है। पैरों के तलवे में दर्द और दुर्घटना का भय होता है।
छोटी चीजों को कठिन बनाते है केतु
किसी भी सरल सी चीज को कठिन और उलझन भरी बनाते है केतु महाराज। अगर किसी का समय केतु से जुड़ा चल रहा है, तो उस जातक को किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए। छोटी-छोटी बातों को तूल देने से बचना चाहिए। खराब केतु जातकों के जीवन को उलझा कर रख देता है।
इन उपायों से मिलता है लाभ
कुंडली में केतु की खराब स्थिति से बचने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। इसके लिए भगवान गणेश जी की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से केतु महाराज प्रसन्न होते हैं। ध्यान रखें हर माह की चतुर्थी तिथि पर गणपति जी का पूजन, भोग के साथ दूर्वा अर्पित करना न भूलें।