Mahakumbh Mela 2025: कब लगेगा अगला महाकुंभ मेला? जानें सही तारीख, स्थान और भी अन्य जरुरी बातें

महाकुंभ मेले का आयोजन अगले वर्ष 13 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाएगा। इससे पहले यह महाकुंभ साल 2013 में हुआ था। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार देवगुरु ब;

By :  Desk
Update:2024-05-17 22:13 IST
महाकुंभ मेले का आयोजन अगले वर्ष 13 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाएगा।Mahakumbh Mela 2025 Date and Place
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Mahakumbh Mela 2025: सनातन धर्म में कुंभ मेले का विशेष धार्मिक महत्त्व है। महाकुंभ पूरे 12 साल के लंबे इंतजार के बाद आयोजित किया जाता है। इस मेले में न सिर्फ देश से बल्कि विदेशों से भी सनातन धर्म में रूचि रखने वाले लोग शाही स्नान करने आते है। इस बार का कुंभ मेला साल 2025 में आयोजित किया जाएगा। इसके पीछे ज्योतिष विज्ञान है, जो बताता है कि जब कुछ ग्रह एक ख़ास स्तिथि में होते है तो ही महाकुंभ और अर्द्धकुंभ का आयोजन होता है। 

महाकुंभ मेले का आयोजन अगले वर्ष 13 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाएगा। इससे पहले यह महाकुंभ साल 2013 में हुआ था। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार देवगुरु बृहस्पति के वृषभ राशि में रहने के दौरान सूर्य और चन्द्रमा मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत होती है। इसलिए साल 2025 में 13 जनवरी से प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत होगी और 26 फरवरी 2025 तक इसका समापन हो जाएगा। 

महाकुंभ के प्रमुख स्‍नान की तिथियां
(Mahakumbh Snan Dates) 

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्राति के अवसर पर होगा। इसके बाद दूसरा शाही स्‍नान 29 जनवरी मौनी अमावस्‍या के दिन, तीसरा शाही स्‍नान 3 फरवरी बसंत पंचमी के अवसर पर होगा। इसके अलावा 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्‍नान, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्‍नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्‍नान किया जाएगा। इन शाही स्नान में बढ़-चढ़कर श्रद्धालु हिस्सा लेते है। 

कुंभ मेले तय करने का नियम 
(Kumbh Mela Decided Rules) 

कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज, उज्‍जैन, हरिद्वार और नासिक में ही किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों और राशियों की स्थिति देखकर होता है। इसमें सूर्य और गुरु ग्रह की भूमिका सबसे अहम होती है। चलिए जानते है कैसे, कब और कहां होता है कुंभ मेले का आयोजन - 

  • जब देवगुरु वृषभ राशि में रहें और सूर्य मकर राशि में, तो कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। 
  • जब गुरु कुंभ राशि में हों और सूर्य मेष राशि में आएं, तो कुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित किया जाता है। 
  • जब सूर्य और गुरु सिंह राशि में हों, तो कुंभ मेला नासिक शहर में आयोजित किया जाता है। 
  • जब देवगुरु सिंह राशि में हों और सूर्य मेष राशि में आएं, तो कुंभ मेला उज्‍जैन में आयोजित किया जाता है। 

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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