Neech Rashi Ka Budh Grah : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में विराजमान उच्च राशि के ग्रह जातक को जीवन में शुभ फल प्रदान करते है। वहीं नीच राशि में आने पर वही ग्रह जातक के जीवन में उथल-पुथल मचाने का काम करते है। यहां हम बुध ग्रह की बात करेंगे, जिन्हें बुद्धि -व्यापार और वाणी का कारक माना गया है। कहा जाता है कि बुध के प्रभाव वाला व्यक्ति एक अच्छा कारोबारी होता है। साथ ही वह आकर्षक और देखने में प्रिय होता है।
लेकिन यदि स्तिथि उलट हो और बुध नीच राशि में विराजमान हो जाए, तो जातक की जिंदगी तहस-नहस हो जाती है। कुंडली में बुध की कमजोर अथवा ख़राब स्तिथि जातक को गले संबंधी विकारों से ग्रसित कर देती है। साथ ही बुध की दशा महादशा में भी खराब फल प्रदान करती है। बुध की ख़राब स्तिथि व्यक्ति को वायु, कफ व पित रोग देती है। इसके अलावा वह शरीर के तंत्रिका तंत्र यानि की नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करने का काम करती है।
कुंडली में बुध की खराब स्तिथि जातक के सोचने और समझने की शक्ति को भी कमजोर कर देती है। इसके साथ ही जातक की त्वचा का सुन्न होना, नाक के सेंसर कम काम करना और चोट लगने का अज्ञात भय बना रहना या फिर त्वचा पर काले रंग के धब्बे हो जाना, भी कमजोर बुध के लक्षण है।
बुध मजबूत करने के लिए क्या करें?
(Budh Majboot Karne Ke Liye Kya Kare)
यदि आप भी कुंडली में बुध ग्रह की कमजोरी स्तिथि से जूझ रहे है, तो इसके लिए ज्योतिषी की मदद से पन्ना रत्न धारण करें। यह रत्न बुध व्यापारियों का रक्षक होता है। नीच राशि में बुध ग्रह के होने से उससे जुड़ी कारक वस्तुएं प्रभावित होती है। इससे कारोबारियों के यहां सरकारी कार्यवाही, नोटिस से नुकसान, शेयर बाजार में हलचल जैसी परेशानियां खड़ी होने लगती है। खराब बुध व्यक्ति की बुद्धि को भ्रमित कर देता है और उसे गलत निर्णय लेने पर मजबूर करता है।
बुध की मजबूत स्तिथि के लिए आपको जन्म लग्न के अनुसार बुध कारक होने पर पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। इसके अलावा बुधवार के दिन नमक रहित व्रत पूर्ण करना चाहिए। साथ ही इस दिन विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ और बुध मंत्र जपने चाहिए। साथ में हरे रूमाल का इस्तेमाल हमेशा करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।