Panchak October 2024: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचक के दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। इसी महीने अक्टूबर की 12 तारीख को दशहरा मनाया गया, और इसके खत्म होते ही पंचक शुरू हो गए। पंचक के 5 दिन को पचखा भी कहा जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार अक्टूबर 2024 में पंचक 13 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शुरू हो चुके है और 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर समापत होंगे।
हिंदू ज्योतिष के अनुसार पंचक वह विशेष अवधि है, जो पांच नक्षत्रों के संयोग से बनती है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र शामिल है। इस दौरान इन पांच नक्षत्रों में से चंद्रमा किसी एक में होता है और मीन या कुंभ राशि में होता है। इस स्थिति में पंचक शुरू होते है।
पंचक में क्या नहीं करना चाहिए?
(Panchak me Kya Nahi Karna Chahiye)
- - पंचक में लकड़ी इकट्ठा नहीं करनी चाहिए और न ही खरीदनी चाहिए।
- - पंचक में निर्माणाधीन घर की छत डालने से बचना चाहिए।
- - पंचक में पलंग और चारपाई का निर्माण नहीं करवाना चाहिए।
- - पंचक में दक्षिण दिशा की तरफ सफर करने से बचना चाहिए।
- - पंचक में कोई भी नई नौकरी जॉइन नहीं करनी चाहिए।
पंचक के प्रकार
(Panchak Ke Prakar)
- - रविवार का पंचक 'रोग पंचक' कहलाता है।
- - सोमवार का पंचक 'राज पंचक' होता है।
- - मंगलवार का पंचक 'अग्नि पंचक' होता है।
- - शुक्रवार का पंचक 'चोर पंचक' होता है।
- - शनिवार का पंचक 'मृत्यु पंचक' होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।