Hast Rekha Shastra: हथेली पर मौजूद, शुक्र, गुरु, बुध और सूर्य पर्वत व्यक्ति के लव, करियर, आर्थिक और स्वास्थ्य स्थिति के बारे में संकेत देते है। हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो हथेली पर स्थित सूर्य पर्वत काफी अहम होता है क्योंकि इसकी स्थिति व्यक्ति के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव छोड़ती है।  सूर्य पर्वत को यश,कीर्ति और मान-सम्मान का कारक बताया गया है। हथेली पर यह स्थान अनामिका उंगली के नीचे होता है, जिसे सूर्य पर्वत कहा गया है। 

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत की स्थिति और शुभ-अशुभ संकेत व्यक्ति के जीवन के कई अहम संकेत देती है। इसमें सूर्य पर्वत की मजबूत स्थिति व्यक्ति के सुखी और सफल जीवन, और चपटे और दबे हुए होने की स्थिति व्यक्ति के कमजोर व्यक्तित्व की तरफ इशारा करती है। 

हथेली पर सूर्य पर्वत की स्थति के शुभ-अशुभ संकेत
(Hatheli Par Surya Parvat Sthiti Ke Sanket) 

  • - हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत के चपटे और दबे होने की स्थिति में जातक का व्यक्तित्व कमजोर रहता है।
  • - हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत के पूर्ण विकसित और उभरे होने की स्थिति व्यक्ति के आत्मविश्वास और साहस को दर्शाती है। 
  • - हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत पूर्ण उभरा नहीं है तो जातक का जीवन बिना यश और कीर्ति के बिना ही व्यतीत होता है। 
  • - हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत के विकसित और गुलाबी रंग होने से व्यक्ति को समाज में खूब मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। 

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर सूर्य पर्वत की स्तिथि ही जातक को गरीब से धनवान बनाने में मददगार होती है। इस तरह के जातकों को जीवन में मान-सम्मान, ऐशो-आराम की प्राप्ति होती है। साथ ही अकस्मात धनलाभ होता है। ऐसे लोग प्रतिभा के धनी और सुलझे हुए विचारों के होते है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।