Raksha Bandhan Niyam 2024: हिंदू समाज में रक्षाबंधन बेहद महत्वपूर्व त्यौहार है। भाई और बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक इस पर्व को सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। सनातन धर्म में वैसे तो हर त्यौहार को भद्रा से मुक्त होकर मनाने की परंपरा रही है। लेकिन होलिका दहन और रक्षा बंधन, दो ऐसे त्यौहार है, जिनके लिए भद्रा को पूर्ण निषिद्ध माना गया है। चलिए जानते है राखी बांधने का नियम, कब और कैसे बांधे रक्षा सूत्र और भद्रा काल समय।
राखी बांधने का नियम
(Rakhi Bandhane Ka Niyam)
बहनें अपने भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाकर स्वयं पश्चिम की तरफ मुंह कर भाई को कुमकुम और अक्षत लगावें। इसके बाद बहनें अपने भाई को मीठा खिलाएं। इसी दौरान भाई के दाहिने हाथ पर ” येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:” मंत्र का जाप करते हुए रक्षा सूत्र बांधें। जैसे ही बहन रक्षासूत्र बांधे बहन तो उसे थाली में रखा उपहार देवें। इसी तरह यह पर्व भाई-बहन के स्नेह को बढ़ाता है और एकता स्थापित करता है।
कब और कैसे बांधे रक्षा सूत्र
(Kab or Kaise Bandhe Rakhi)
19 अगस्त को दोपहर 1.25 के बाद पूरे दिन रक्षा बंधन मनाया जा सकता है। राखी के पर्व को विशेष बनाने के लिए सिंथेटिक राखी खरीदने के बजाय घर पर ही रक्षा सूत्र तैयार करें। रक्षासूत्र रेशमी या सूती धागे में कुमकुम,अक्षत, दूर्वा, राई और स्वर्ण खंड से तैयार किया जा सकता है। इसे तैयार करने के बाद इसकी पूजा करें और कहें कि, 'हे रक्षा सूत्र के देवता आप इस रक्षासूत्र में स्थापित हो जाइए हम आपकी पूजा कर रहे हैं।' रक्षासूत्र को धूप और आरती दिखाइए।
भद्रा काल में राखी बांधने के नुकसान
(Bhadra Kal me Rakhi Bandhne Ke Nuksan)
आज 19 अगस्त को सुबह 2.21 से दोपहर 1.24 तक भद्रा काल रहेगा। इस काल खंड में बहनें अपने भाई को भूलकर भी रक्षासूत्र न बांधे क्योंकि भद्रा समय अशुभ माना गया है। भद्रा में रक्षा बंधन मनाने से नकारात्मक ऊर्जा चारों तरफ फैलती है। यह भाई-बहन के लिए अमंगलकारी समय बन सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।