Belpatra Upay: सावन का महीना चल रहा है। सनातन धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना गया है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है। भोलेनाथ को पूजा में बेलपत्र चढ़ाया जाता है, जिसे उनका प्रिय माना जाता है। न सिर्फ सावन माह में बल्कि साल के हर सोमवार को शिव भक्त महादेव को बेलपत्र अर्पित करते है। कई भक्त तो हर दिन बेलपत्र भोलेनाथ को अर्पित करते है, इसलिए हर दिन पेड़ से इन्हें तोड़ते भी है। लेकिन क्या आप जानते है सनातन धर्म में हफ्ते का एक दिन ऐसा माना गया है, जिसमें पेड़ से बेलपत्र तोड़ना वर्जित बताया गया है। कहते है इस दिन बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार का दिन भगवन शिव को समर्पित है। वहीं यदि यह सोमवार सावन के महीने का हो, तो यह और अधिक विशेष हो जाता है। कहते है सावन के सोमवार को पेड़ से बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करने पर भगवान शिव रुष्ट हो जाते है और आपको पूजा का फल भी प्रदान नहीं होते है। 

भोलेनाथ के नाराज होने की वजह

शिव पुराण कहती है कि सावन के सोमवार को भगवान भोलेनाथ की प्रिय चीजें शिवलिंग पर अर्पित करनी चाहिए। शिव पूजा में बेलपत्र चढ़ाना भी शुभ माना गया है। लेकिन भूलकर भी आप सावन के दिन सोमवार के दिन बेलपात्र पेड़ से न तोड़े। दरअसल, कहा जाता है कि इस दिन सभी बेलपत्रों में मां पार्वती का वास होता है। यही कारण है कि सावन सोमवार को बेलपत्र तोड़ने से मां पार्वती का अनादर होता है। साथ ही भोलेनाथ का क्रोध भी सहना पड़ता है। 

बेलपत्र के उपाय

सावन सोमवार से एक दिन पहले रविवार को बेलपत्र तोड़कर रख लें और अगले दिन पूजा में अर्पित करें। ध्यान रखें रविवार को बेलपत्र तोड़ने के बाद उन पर राम-नाम अवश्य लिखें। कहा जाता है कि भगवान शिव को बासी बेलपत्र भी अर्पित कर सकते है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।