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Surya Grahan 2024: इस वर्ष में सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसी स्तिथि में बड़ा सवाल यही होगा कि 'पितरों के निमित्‍त अनुष्‍ठान कार्य कैसे किये जा सकेंगे?' आपकी जानकारी के लिए बता दे यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा।

Surya Grahan 2024: सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्त्व माना गया है। इसी तरह 15 दिन का पूरा पखवाड़ा पितृ पक्ष भी मायने रखता है, जिसमें पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करने की प्रथा रही है। पितृ पक्ष के अंतिम दिवस को 'सर्व पितृ अमावस्‍या' होती है। कहा जाता है कि जो भी लोग 15 दिन में पिंडदान, तर्पण न कर सके हो, उन्हें सर्व पितृ अमावस्‍या के दिन श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान जैसे अनुष्ठान संपन्न कर लेने चाहिए। 

इस वर्ष 2024 में सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसी स्तिथि में बड़ा सवाल यही होगा कि 'पितरों के निमित्‍त अनुष्‍ठान कार्य कैसे किये जा सकेंगे?' आपकी जानकारी के लिए बता दे यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले सूर्य ग्रहण अप्रैल माह में लगा था, लेकिन भारत में उसका प्रभाव दिखाई नहीं दिया। वहीं, अब दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को लगेगा, जिसका प्रभाव भारत में नहीं होने वाला है। अश्विन मास की इस अमावस्‍या को सर्व पितृ अमावस्‍या, पितृ मोक्ष अमावस्‍या और महालया के नाम से भी जानते है। चलिए जानते है सूर्य ग्रहण समय और सूतक काल के बारे में - 

सूर्य ग्रहण समय और सूतक काल 
(Surya Grahan Samay or Sutak Kaal) 

साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा। इसका समय रात 09:13 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 03:17 मिनट तक रहेगा। इस हिसाब से ग्रहण की समय अवधि 6 घंटे 04 मिनट की होगी। ऐसी स्तिथि में सर्व पितृ अमावस्‍या के अनुष्ठानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये कार्य दिन में कर लिए जाएंगे। सूर्य ग्रहण रात में लगेगा लेकिन इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू होता है। 

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण? 
(Surya Grahan Visible Places) 

साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों में दिखाई देगा, जिसमें प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर शामिल है। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग में यह देखा जा सकेगा, जिसमें फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू शामिल है। यह ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगेगा। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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