Sheetala Ashtami 2025 Dos and Dont's: हिंदू धार्मिक व्रतों में शीतला अष्टमी का व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन माता शीतला की न सिर्फ विधि-विधान से पूजा की जाती है बल्कि उन्हें बासी भोजन भोग के रूप में लगाया जाता है। बाद में इसी बासी भोजन को प्रसाद के रूप में भक्तों द्वारा ग्रहण किया जाता है। सुहागिन महिलायें और कुंवारी कन्यायें इस दिन व्रत रखकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती है। माता शीतला को रोगनाशिनी देवी भी कहा जाता है। इसलिए मान्यता है कि, माता शीतला की जो भी व्यक्ति विधिपूर्वक पूजा करता है, व्रत रखता है, उसे संक्रामक रोगों से मुक्ति मिलती है।
बासी भोजन खाने की परंपरा की वजह से इस दिन को 'बसौड़ा पर्व' के नाम से भी जाना जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, शीतला अष्टमी व्रत वाले दिन कुछ ऐसे कार्य है, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां करने पर जीवन संकटों से घिर सकता है। चलिए जानते है उन कार्यों के बारे में-
शीतला अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए?
(Sheetala Ashtami Par Kya Karna Chahiye)
- - शीतला अष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। साथ ही व्रत का संकल्प लेकर ही पूजा-पाठ करें।
- - शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी माता को ताजा भोजन अर्पित न करें। मां को बासी भोग लगाएं और स्वयं भी उसे ही ग्रहण करें।
- - शीतला अष्टमी के दिन संक्रामक रोगों से बचाव के लिए व्रत अवश्य करें। साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ व्रत को पूर्ण करें।
- - शीतला अष्टमी के दिन माताओं को चूल्हा जलाने की मनाही होती है। इसलिए एक दिन पहले बनाया बासी भोजन ग्रहण करें।
- - माता शीतला के भोजन को एक दिन पूर्व ही तैयार कर लें। इसमें पूरी, दही, मीठे चावल, हलवा और पकोड़े अवश्य शामिल करें।
शीतला अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
(Sheetala Ashtami Par Kya Nahi Karna Chahiye)
- - शीतला अष्टमी के दिन चूल्हा जलाना वर्जित होता है। इसलिए भूलकर भी ताजा भोजन न पकाएं, अन्यथा संकट हो सकता है।
- - शीतला अष्टमी के दिन गरम भोजन या चाय का सेवन भूलकर भी न करें। अगर ऐसा करते है तो माता अप्रसन्न हो सकती हैं।
- - शीतला अष्टमी के दिन घर में झाड़ू लगाना या अधिक सफाई करना भी वर्जित है। ऐसा करते है तो व्रत का संपूर्ण फल नहीं मिलता।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।