Adani Group introduce electric passenger vehicles: भारत के दौरे पर आए उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही और गौतम अडानी की मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि अडानी समूह इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार में एंट्री ले सकता है। इसके लिए अडानी सैन-फ्रांसिस्को आधारित उबर के साथ साझेदारी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स की माने तो अडानी की इलेक्ट्रिक कारों को उबर के प्लेटफॉर्म पर चलाया जाएगा।
इसके अलावा, प्रस्तावित साझेदारी के तहत, उबर की सर्विसेज को अडानी वन (Adani One) ऐप पर जोड़ा जाएगा, जिसे जिसे 2022 में लॉन्च किया गया था। इसमें ग्राहकों को फ्लाइट बुकिंग, हॉलीडे पैकेज और कैब बुकिंग जैसी सेवाएं मिलती हैं। कहा जा रहा कि इस साझेदार से अडानी समूह को बड़ा फायदा होगा। साथ ही उबर को भी भारतीय बाजार में मजबूत पकड़ बनाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस साझेदारी को लेकर पर अभी तक किसी भी ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
साझेदारी से अडानी ग्रुप को कैसे होगा फायदा?
रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमुख का लक्ष्य इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में प्रवेश करना है। हालांकि, समूह पहले से ही कमर्शियल ईवी (commercial ev) सेगमेंट में मौजूद है और बसें, कोच और ट्रक पेश करता है।
हालांकि अडानी समूह इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण नहीं करता है, लेकिन उसके बंदरगाहों और हवाई अड्डों के कारोबार में इसकी 'बड़ी' आवश्यकताएं हैं। इसलिए, अनिवार्य रूप से, यह कारें खरीदेगा, उनकी ब्रांडिंग करेगा और उन्हें उबर नेटवर्क में जोड़ेगा। हाल ही में, समूह ने 3600 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों के लिए सरकार द्वारा जारी निविदाओं के लिए बोलियां प्रस्तुत कीं।
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साझेदारी से उबर को कैसे होगा फायदा?
अगर अडानी समूह के साथ साझेदारी होता है तो यह कंपनी को दुनिया भर में अपने मौजूदा बेड़े को EV से बदलने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करने में भूमिका निभाएगा, क्योंकि यह 2040 से पहले खुद को 'Zero-Emission Mobility Platform' में बदलना चाहता है।
साझेदारी से भारत को क्या लाभ होगा?
इस साझेदारी में देश में इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने की क्षमता है और यह उबर को दुनिया में अपने सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े में से एक प्रदान कर सकता है।