Budget Expectations: अगले महीने देश का यूनियन बजट (Union Budget 2025) पेश होने वाला है। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश कर सकती हैं। बजट की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बीच ऑटो सेक्टर, खासतौर पर ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) सेगमेंट से कई उम्मीदें और सुझाव सामने आ रहे हैं।

ईवी सेक्टर की मुख्य मांगें
ईवी सेक्टर की विभिन्न कंपनियों ने सरकार से बजट में विशेष ध्यान देने की अपील की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं...  

1) बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर जोर: ईवी बैटरी निर्माण को प्रोत्साहित करने और इस क्षेत्र में विशेष ऐलान करने की मांग की गई है।

2) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार: चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता और कामकाज में सुधार की आवश्यकता जताई गई है।

3) टैक्स इंसेंटिव और जीएसटी में कटौती: कंपनियां चाहती हैं कि ईवी बैटरी पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% की जाए।

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कंपनियों की ओर से मिले सुझाव
Komaki Electric 
टैक्स इंसेंटिव्स और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की मांग की। ईवी लोन पर ब्याज दर कम करने और बैटरी पर जीएसटी घटाने की अपील की।

Oben Electric
जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और बैटरी निर्माण के लिए PLI (Production Linked Incentive) स्कीम लागू करने की मांग की।

Maxvolt Energy
घरेलू बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने और रिसर्च एवं डेवलपमेंट (R&D) पर इंसेंटिव बढ़ाने की बात कही।

ZELIO E Mobility
लॉन्ग-टर्म सब्सिडी की मांग की, खासतौर पर ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने वालों के लिए।
 
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सरकार से क्या हैं अपेक्षाएं?
ईवी कंपनियां चाहती हैं कि सरकार इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए। सब्सिडी, टैक्स इंसेंटिव्स, और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने से न केवल ईवी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह देश की हरित ऊर्जा नीतियों के तहत पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को भी मजबूती देगा।

(मंजू कुमारी)