(मंजू कुमारी)
EV Market: दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर और किआ कॉरपोरेशन ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। दोनों कंपनियां आने वाले सालों में भारत में ईवी का बड़ा स्कोप देखती हैं। इसके लिए EVs का प्रोडक्शन बढ़ाने और बैटरी लोकेलाइजेशन के लिए कंपनियों ने बैटरी बनाने के लिए एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस (EES) से हाथ मिलाया है। यह कोलकाता स्थित एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की एसोसिएट कंपनी है।
विदेशी कंपनियों को करार से क्या फायदा?
हुंडई मोटर और किआ कॉरपोरेशन का सोमवार को एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस (EES) के साथ EVs के लिए बैटरी प्रोडक्शन का समझौता हुआ। हुंडई मोटर और किआ का अगला टारगेट अपने ईवी के लिए भारतीय शहरों में बैटरी प्रोडक्शन बढ़ाना है। दोनों कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोडक्शन के लिए लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (एलएफपी) सेल वाली बैटरियों पर नजरे गढ़ाए हैं। ऐसे में भारत की लीडिंग एसिड बैटरी सप्लायर एक्साइड इंडस्ट्रीज यह मांग पूरी कर सकती है। एक्साइड के पास बैटरी प्रोडक्शन में 75 साल से ज्यादा अनुभव है।
एमओयू के बाद बैटरी कंपनी का शेयर चढ़ा
दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनी हुंडई मोटर ने कहा कि हुंडई मोटर और किआ कॉर्पोरेशन ने 8 अप्रैल को भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैटरी सप्लायर के तौर पर एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है। समझौते की घोषणा के बाद एक्साइड के शेयर में बंपर बढ़त देखने को मिली। Exide स्टॉक दिन के कारोबार में 16% से ज्यादा चढ़ गया। दोनों ईवी मेकर कंपनियां अपने ईवी बैटरी उत्पादन को स्थानीय बनाना चाहती है। जो इन्हें रणनीतिक तौर पर भारतीय बाजार में आगे लेकर जाएगा।
EVs सेक्टर में भारत में बड़ा स्कोप: हुंडई मोटर
हुंडई मोटर ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार की कार्बन न्यूट्रल पहल के चलते यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बड़ा स्कोप है। बैटरी प्रोडक्शन के समझौते से भारतीय बाजार में कंपनी के आगामी ईवी मॉडल स्थानीय बैटरियों से लैस होंगे। बता दें कि हुंडई मोटर इंडिया ने 2025 तक अपना हाई-वॉल्यूम ईवी मॉडल लॉन्च करने की योजना बताई थी। फिलहाल ईवी सेगमेंट में हुंडई IONIQ5 और Kona कार लॉन्च कर चुकी है। वहीं, किआ इंडिया EV6 मॉडल के साथ पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।