ICRA Report: भारत में ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर आने वाले वर्षों में बड़ा निवेश करने की योजना बना रहा है। रेटिंग एजेंसी ICRA की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वाहन कलपुर्जा (ऑटो कंपोनेंट) निर्माता कंपनियां स्थानीय उत्पादन (लोकलाइजेशन) और क्षमता विस्तार के लिए अगले वित्तीय वर्षों में 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती हैं। इस निवेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपोनेंट्स का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
विस्तार और लोकलाइजेशन पर जोर
ऑटो कंपोनेंट्स उद्योग में क्षमता विस्तार और नियामकीय बदलावों को देखते हुए निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं। ICRA की कॉरपोरेट रेटिंग उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख विनुता एस के अनुसार, प्रमुख वाहन कलपुर्जा आपूर्तिकर्ताओं से बातचीत में संकेत मिला है कि उद्योग वित्त वर्ष 2024-25 में 15 से 20 हजार करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2025-26 में 25 से 30 हजार करोड़ रुपए का पूंजीगत खर्च कर सकता है।
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किन क्षेत्रों में होगा निवेश?
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:
क्षमता विस्तार (Capacity Expansion)
नए उत्पादों का विकास (New Product Development)
विशेष उत्पाद निर्माण (Specialized Product Manufacturing)
उन्नत तकनीक में सुधार (Advanced Technology Upgradation)
इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट्स पर फोकस (EV Components Development)
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ऑटो कंपोनेंट उद्योग की ग्रोथ
रेटिंग एजेंसी ने यह भी अनुमान लगाया है कि भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 में 14% की उच्च दर के मुकाबले, चालू वित्त वर्ष में 7-9% और अगले वित्त वर्ष में 8-10% रहने की संभावना है। विनुता एस के अनुसार, घरेलू ऑटोमोबाइल OEMs (Original Equipment Manufacturers) की मांग वित्त वर्ष 2024-25 में 7-9% और वित्त वर्ष 2025-26 में 8-10% बढ़ सकती है। इस वृद्धि में उन्नत कंपोनेंट्स और उनके मूल्यवर्धन का बड़ा योगदान होगा।
ऑटो कंपोनेंट सेक्टर में यह निवेश भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा और लोकल मैन्युफैक्चरिंग को और मजबूत बनाएगा।
(मंजू कुमारी)