FASTag Rules: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने गुरुवार (1 अगस्त) से देशभर में इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग सिस्टम FASTag के नए नियम लागू कर दिए। ये नियम मुख्य रूप से उन वाहन मालिकों पर ज्यादा परेशानी खड़ी करेंगे, जिनके FASTags तीन साल से अधिक पुराने हैं। हालांकि, हाल ही में जारी किए गए FASTags वाले लोगों को भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके टैग में सही जानकारी हो। टैग जारी करने वाली संस्थाओं को भी ध्यान देना पड़ेगा कि वे जो डेटा जुटा रहे हैं वह ज्यादा सटीक हो।
FASTags नियमों क्या हुआ बदलाव?
1) पांच साल से पुराने FASTags को बदलना जरूरी:
अगर FASTags पांच या उससे पहले जारी हुआ है तो उसे पूरी तरह से बदलना होगा।
2) KYC अपडेट अनिवार्य:
तीन से पांच साल पहले जारी किए गए FASTags के लिए KYC जानकारी को 31 अक्टूबर की समय सीमा से पहले अपडेट कराना पड़ेगा।
3) वाहन के रजिस्ट्रेशन और चेसिस नंबर से लिंक:
सभी FASTags को वाहन के पंजीकरण और चेसिस (VIN) नंबर से लिंक करना होगा। नए वाहन मालिकों के पास यह लिंकिंग पूरी करने के लिए खरीदारी की तारीख से 90 दिन होंगे।
4) डेटाबेस अपडेट:
FASTag प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वाहन डेटाबेस में सटीक जानकारी हो, जिसमें वाहन के फ्रंट और साइड प्रोफाइल की स्पष्ट तस्वीरें शामिल हैं। इसके अलावा, प्रत्येक FASTag को बेहतर संचार के लिए मोबाइल नंबर से लिंक करना होगा।
5) नए नियमों का पालन नहीं करने पर:
नए मानदंडों का पालन नहीं करने पर टोल पर कई तरह की मुश्किलें और टोल प्लाजा पर देरी हो सकती है, क्योंकि टैग सस्पेंड होने का खतरा हो सकता है। NPCI वाहन मालिकों को सलाह देता है कि वे ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समय पर कार्रवाई करें।
(मंजू कुमारी)