New Trends: भारत में जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे कार खरीदने वालों की प्राथमिकताएं भी तेजी से बदल रही हैं। एक ताजा सर्वे के अनुसार, अब लोग सनरूफ की बजाय वेंटिलेटेड सीट्स को सबसे अहम फीचर मानने लगे हैं। यह भी सामने आया है कि कार ग्राहक अब सेफ्टी फीचर्स को 'बेसिक' मान रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है नया ट्रेंड?
वेंटिलेटेड सीट्स बनीं सबसे बड़ी जरूरत
Park+ रिसर्च लैब्स द्वारा किए गए इस सर्वे में 6,000 कार मालिकों की राय ली गई, जिसमें 78% लोगों ने वेंटिलेटेड सीट्स को सबसे ज़रूरी फीचर बताया। गर्मी के मौसम में यह फीचर कार के केबिन को ठंडा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। पहले ये केवल महंगी कारों में मिलता था, लेकिन अब हुंडई, किआ , एमजी और फॉक्सवैगन जैसी कंपनियां इसे मिड-रेंज कारों में भी देने लगी हैं।
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सनरूफ का क्रेज अब हुआ फीका
कभी स्टाइल और लग्जरी का प्रतीक मानी जाने वाली सनरूफ अब फीचर लिस्ट में पीछे हो गई है। सर्वे में सिर्फ 11% लोगों ने इसे ज़रूरी फीचर माना। कई यूज़र्स ने बारिश में लीक होने, मेंटेनेंस में दिक्कत और सीमित उपयोगिता जैसे कारणों से इसे कम प्रैक्टिकल बताया। हालांकि, कुछ लोगों के लिए ये अब भी एक ‘ड्रीम फीचर’ जरूर है।
अब 'बेसिक' माने जा रहे हैं सेफ्टी फीचर
सर्वे के अनुसार, ADAS और अन्य सेफ्टी फीचर्स को अब ऐड-ऑन नहीं बल्कि बेसिक ज़रूरत माना जा रहा है। केवल 8% लोगों ने इन्हें 'ज़रूरी फीचर' बताया, जिससे साफ है कि ग्राहक अब मानकर चल रहे हैं कि नई कारों में ये फीचर्स स्टैंडर्ड मिलेंगे। इससे ऑटो कंपनियों की सेफ्टी को लेकर बढ़ती प्रतिबद्धता पर भरोसे का संकेत मिलता है।
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बड़ी स्क्रीन का आकर्षण भी घटा
जहां नई कारों में बड़ी इंफोटेनमेंट स्क्रीन एक खास आकर्षण रही हैं, वहीं सर्वे के मुताबिक सिर्फ 3% लोग ही इसे ज़रूरी मानते हैं। इससे साफ होता है कि अब ग्राहक स्टाइल से ज्यादा फंक्शनल कम्फर्ट और यूटिलिटी पर ध्यान दे रहे हैं।
सर्वे के आंकड़े दिखाते हैं कि बदलते मौसम और बढ़ती जागरूकता के चलते अब ग्राहक कारों को सिर्फ स्टाइल या ब्रांड वैल्यू से नहीं, बल्कि उनके आराम और उपयोगिता के आधार पर आंकते हैं। वेंटिलेटेड सीट्स की मांग इसका बड़ा सबूत है।
(मंजू कुमारी)