Electric Car: अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। अमेरिका ने घोषणा की है कि वह जल्द ही एक नया नियम लागू करेगा, जिसके तहत चीनी गाड़ियों के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह निर्णय देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप आगामी 20 जनवरी को दूसरी बार बतौर प्रेसिडेंट शपथ लेंगे।

सुरक्षा पर जोर, चीनी गाड़ियां सीमित होंगी
अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमुंडो ने कहा, "हमारे पास सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि चीनी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर हमारे कनेक्टेड वाहन सिस्टम का हिस्सा न बनें।" नए नियम का उद्देश्य अमेरिकी सड़कों पर चीनी गाड़ियों की मौजूदगी को सीमित करना है।

नियम कब होगा लागू?
यह नया नियम 2027 से लागू किया जाएगा। चीनी हार्डवेयर पर प्रतिबंध 2029 से प्रभावी होगा। इस फैसले के तहत चीन की वाहन कंपनियों को अमेरिकी बाजार में अपने प्रोडक्ट बेचने में मुश्किलें होंगी। सितंबर 2024 में इस नियम का प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद इंडस्ट्री से फीडबैक लिया गया। कई वाहन निर्माता कंपनियों, जैसे जनरल मोटर्स, टोयोटा और हुंडई ने नियम की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

EVs और बैटरियों पर टैरिफ बढ़ा
इसके अलावा, अमेरिका ने चीन से इंपोर्ट होने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और बैटरियों पर टैरिफ बढ़ाने का भी फैसला किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% शुल्क लगाया जाएगा। बैटरियों पर अतिरिक्त शुल्क लागू करने की योजना है। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना और चीनी आयात पर निर्भरता कम करना है।

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ट्रंप प्रशासन का सख्त रवैया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान चीन के प्रति कड़ा रुख अपनाने का वादा किया था। हाल ही में उन्होंने कहा, "हम अमेरिका में चीनी कारों को बेचना नहीं चाहते। अगर चीन या अन्य देशों की कंपनियां यहां कारोबार करना चाहती हैं, तो उन्हें अमेरिका में फैक्ट्रियां स्थापित करनी होंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा।"

क्या टेस्ला को होगा फायदा?
चीनी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर प्रतिबंध से अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला को बड़ा लाभ हो सकता है। वर्तमान में अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में टेस्ला अग्रणी है। चीन की बीवाईडी, जो टेस्ला को कड़ी टक्कर दे रही थी, इस प्रतिबंध के बाद नुकसान में रह सकती है। इससे टेस्ला की बाजार हिस्सेदारी और मजबूत होने की संभावना है।
 
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वैश्विक प्रभाव और भारत की तैयारी
अमेरिका के इस फैसले का असर वैश्विक बाजारों पर पड़ेगा। भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय सरकार और वाहन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही हैं। यह संभव है कि अमेरिका के इस कदम से प्रेरित होकर भारत भी अपनी नीतियों को और मजबूत करे। अमेरिका का यह कदम सुरक्षा और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा रणनीतिक फैसला है, जो वैश्विक बाजार की दिशा को बदल सकता है।

(मंजू कुमारी)