Electric Car: भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) अपनी इलेक्ट्रिक कार कब तक लॉन्च करेगी। यह सवाल हर किसी के जहन में बना हुआ है। लेकिन इसे लेकर अब कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कार्बन और ग्रीन हाउस उत्सर्जन और आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए कंपनी अगले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक कारें पेश करेगी। 

भार्गव ने रविवार को जारी कंपनी की एनुआल रिपोर्ट में कहा, “कार उद्योग के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्देश्य कार्बन और ग्रीन हाउस उत्सर्जन और आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करना है। ऐसे में आर्थिक और सामाजिक परिवेश और देश में संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए ग्राहकों को विभिन्न तकनीकों वाली मूल्यों की कारें प्रदान करना सर्वोत्तम रणनीति होगी। हम अगले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक कारें पेश करेंगे।”

मारुति की इलेक्ट्रिक कार: बड़ी बातें
हाइब्रिड और सीएनजी कारें: पेट्रोल और डीजल कारों का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए। हाइब्रिड कारें ईंधन दक्षता में सुधार करती हैं और उत्सर्जन को कम करती हैं। सीएनजी कारें भी पेट्रोल और डीजल कारों से बेहतर होती हैं।

इथेनॉल और बायोगैस: कंपनी इथेनॉल और बायोगैस के उपयोग पर भी जोर दे रही है। भारत में बायोगैस विकसित करने की बहुत बड़ी संभावना है।

इंजन अपग्रेड: कारों के इंजन को 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल के उपयोग के लिए अपग्रेड किया जा रहा है।इलेक्ट्रिक कारों की स्वीकार्यता बुनियादी ढांचे के विकास और लागत में कमी पर निर्भर करेगी।

खरखौदा प्लांट: खरखौदा प्लांट निर्धारित समय के अनुसार प्रगति कर रहा है। 250,000 यूनिट की पहली लाइन इस वित्तीय वर्ष के भीतर उत्पादन शुरू करेगी।

सौर ऊर्जा और बायोगैस: कंपनी की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता अब 48 मेगावाट है। मानेसर में पायलट बायोगैस संयंत्र और यूपी तथा गुजरात में नए बायोगैस प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।

निर्यात में अग्रणी: मारुति सुज़ुकी भारत से कारों की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर बन गई है, और इस साल 3 लाख कारों का निर्यात करने का लक्ष्य है।

रोजगार और पर्यावरण: ये सभी कार्य विनिर्माण गतिविधि में तेजी लाने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने, पर्यावरण लक्ष्यों को पूरा करने और विदेशी मुद्रा अर्जित करने के राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप हैं।

(मंजू कुमारी)