Demat Accounts: शेयर बाजार में कई तरह के निवेश के लिए जरूरी डीमेट अकाउंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में हर महीने धड़ाधड़ यह खाते खुल रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इन खातों की संख्या अप्रैल में 31 लाख बढ़ी और भारत में कुल डीमेट खाते बढ़कर 15.45 करोड़ के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। दिसंबर 2023 के बाद हर महीने 30 लाख से ज्यादा नए डीमेट अकाउंट्स ओपन हुए हैं। यह उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार में नए निवेशकों के उतरने का साफ संकेत है।

जनवरी से मार्च तक 1 करोड़ डीमेट ओपन हुए
देश में दो डिपॉजिटरी फर्म हैं, जो डीमेट खाते खोलती हैं। पहली- सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और दूसरी- नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)। सीडीएसएल खातों की संख्या के लिहाज से शीर्ष पर है। इसके एमडी और सीईओ नेहल वोरा ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) के बीच 1 करोड़ से अधिक डीमेट खाते ओपन हुए। यह उपलब्धि भारतीय पूंजी बाजार में बढ़ते भरोसे की ओर इशारा करती है।

Demat अकाउंट्स बढ़ने की क्या है मुख्य वजह?
नए अकाउंट्स ओपन होने का मतलब है कि इक्विटी मार्केट में निवेश बढ़ेगा। इससे पता चलता है कि ज्यादा से ज्यादा घरेलू बचत शेयर बाजार में पहुंच रही है। डिजिटलाइजेशन बढ़ने से डीमेट अकाउंट बड़ी आसानी से घर बैठे खोला जा सकता है। दूसरी ओर, इक्विटी इन्वेस्टमेंट को लेकर बढ़ती अवेयरनेस भी खाते बढ़ने की मुख्य वजह है। अप्रैल में बाजार ने रिकॉर्ड ऊंचाई के साथ नए निवेशकों को आकर्षित किया है। अप्रैल में निफ्टी मिडकैप 100 में 5.8% का उछाल आया, जो दिसंबर 2023 के बाद का सबसे शानदार रिटर्न है।

निवेश के लिए क्यों जरूरी होता है डीमेट अकाउंट?
एक अन्य कारण यह भी है कि जिन्होंने पहले डीमेट नहीं खोला था या म्युचुअल फंड्स में निवेश किया था, वो लोग शेयर बाजार से मिले शानदार रिटर्न के कारण डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की ओर आकर्षित हुए हैं। वहीं, निवेशकों का एक हिस्सा डेरिवेटिव सेगमेंट में भी ट्रेड करने लगा है। इसके अलावा आईपीओ बाजार भी अप्रैल में काफी मजबूत रहा। भारती हेक्साकॉम के इश्यू को 30 गुना से ज्यादा बिड मिली थीं। डीमेट खाते शेयर और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए जरूरी होता है।