GST Hike Proposal: महंगे होंगे सिगरेट, तंबाकू प्रोडक्ट और एरेटेड ड्रिंक्स; स्पेशल स्लैब में 35% GST रेट का प्रस्ताव

GST Hike Proposal: देशभर में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के 7 साल बाद पहली बार दरों (स्लैब) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। एरेटेड ड्रिंक्स, सिगरेट और तंबाकू जैसे 'पाप उत्पादों' (सिन गुड्स) पर जीएसटी दर को 28% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव है। इसी महीने 21 दिसंबर को होनी वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव पेश होगा। इसमें एक स्पेशल जीएसटी स्लैब लाया जाएगा, जो दूसरे स्लैब बदलाव से होने वाले राजस्व के नुकसान को कम करने में मदद करेगा।
GST काउंसिल की मीटिंग में होगी चर्चा
इस प्रपोजल को जैसलमेर में 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेश किया जाएगा। इससे अन्य जरूरी वस्तुओं पर दरों में कटौती के कारण हुए रेवेन्यू लॉस की भरपाई की जाएगी। मौजूदा चार-स्लैब रेट स्ट्रक्चर (5%, 12%, 18% और 28%) फिलहाल जारी रहेगा।
गारमेंट्स और महंगे वस्तुओं पर नई दरें
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले दर युक्तिकरण (Rationalisation) के लिए बने मंत्री समूह (GoM) ने गारमेंट्स समेत 148 वस्तुओं के लिए नई दरों का प्रस्ताव दिया है। जिसमें ₹1,500 तक कीमत वाले गारमेंट्स पर: 5%, ₹1,500 से ₹10,000 तक के गारमेंट्स पर: 18%, ₹10,000 से ऊपर की कीमत वाले गारमेंट्स पर: 28%, इसके अलावा जूते, घड़ियां और ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसे महंगे उत्पादों पर भी जीएसटी दर बढ़ाने का सुझाव है।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर छूट
जीएसटी काउंसिल की बैठक में बीमा प्रीमियम को लेकर राहत देने पर भी चर्चा होगी। सीनियर सिटीजन्स के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर पूरी छूट दी जा सकती है। 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा पर छूट और इससे अधिक पर 18% जीएसटी लागू रहेगा।
अन्य वस्तुओं के लिए रेट्स में बदलाव
पिछली बैठक में GoM ने कुछ वस्तुओं पर जीएसटी रेट घटाने का सुझाव दिया था। जिसमें पैकेज्ड वॉटर (20 लीटर से अधिक): 18% से घटाकर 5%, ₹10,000 से कम की साइकिलें: 12% से घटाकर 5%, नोटबुक्स: 12% से घटाकर 5% के दायरे में शामिल की गई थीं।
तंबाकू उत्पादों के लिए स्पेशल GST स्लैब?
GoM के मेंबर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि कि तंबाकू, इससे बने अन्य प्रोडक्ट्स और एरेटेड ड्रिंक्स के लिए दरों को 28 से 35% तक बढ़ाने का प्रस्ताव आया है। यह एक स्पेशल जीएसटी स्लैब होगा और दूसरे स्लैब बदलाव से होने वाले राजस्व के नुकसान को कम करने में मदद करेगा। इसके साथ ही चौधरी की अध्यक्षता में सेस को लेकर अलग से बैठक हुई। सेस अप्लाई करने का फैसला लेने के लिए मार्च 2026 तक का समय है। जीओएम में असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल हैं।
क्षतिपूर्ति उपकर (Cess) पर भी विचार
इसके अलावा काउंसिल की मीटिंग में सेस वसूली को बढ़ाने पर भी चर्चा होगी। इसे कोविड-19 के दौरान राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया था। इस बदलाव से टैक्स सिस्टम को और संगठित किया जाएगा, जिससे महंगे और लग्जरी प्रोडक्ट्स खरीदने वालों पर ज्यादा मार पड़ेगी और रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी।
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