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Business Ideas: सरकार गांवों में स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के विकास पर जोर दे रही है। ऐसे में कई पढ़े-लिखे युवा उन्नत खेती और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।  

Village Business Ideas: अगर आपको शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी पसंद नहीं है और स्वयं अपना उद्यम शुरू करना चाहते हैं तो यह गांवों में भी संभव है। जहां बिना कोई ज्यादा लागत के कमाई के विकल्प मौजूद हैं। यहां कुछ ऐसे आइडिया शेयर किए जा रहे हैं, जो गांव में आपके लिए कमाई के बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। इससे गांवों में स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिलेगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। जानिए स्वरोजगार और उद्यमिता के 7 ऑप्शन... 

1) नए बिजनेसों का उद्यम:
केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से PMFME और मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से जुड़कर गांव के पढ़े-लिखे युवा फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत कर सकते हैं। गांवों में नए बिजनेस में उद्यमिता के कई अवसर मिल रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आजीविका के रास्ते खुल रहे हैं।  

2) सर्विस प्रोवाइडर और डिजिटल ट्रेनिंग: 
अगर आप कंप्यूटर और ऑनलाइन संचालन में दक्ष हैं तो गांववालों को रोजगार योजनाएं, बैंकिंग सेवाएं और शासकीय योजनाओं से जुड़ी ऑनलाइन सर्विस देकर कमाई कर सकते हैं। बच्चों को कोचिंग पढ़ाकर और अधेड़ों के लिए डिजिट ट्रेनिंग केंद्र खोल सकते हैं। यह गांव में बिना पैसे के कमाई करने में मदद करेगा।

3) बायोगैस प्लांट से एनर्जी प्रोडक्शन:
कई गांवों में गोबर से बायोगैस बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इससे कम लागत में गांववालों की ऊर्जा की जरूरतें पूरी हो रही हैं। साथ ही बिजली और एलपीजी गैस पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है। कुछ राज्य सरकारें भी गोबर गैस प्लांट तैयार करने के लिए सब्सिडी स्कीम भी संचालित कर रही हैं। 

4) हस्तशिल्प से जुड़े उद्यम से कमाई:
गांव में कई स्थानीय कलाकारों ने एक साथ मिलकर हस्तशिल्प से जुड़े कारोबार की शुरुआत की है। चमकदार और स्वदेशी उत्पादों का निर्माण करके वह अपने कपड़े, आभूषणों, हस्तशिल्प और कढ़ाई, बुनाई वाले प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजारों में बेंचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

5) ऑर्गेनिक फॉर्मिंग से लाभ कमाएं:
किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। कृषि को रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर ऑर्गेनिक फॉर्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों और पढ़े लिखे युवाओं को खेती की नई तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है। उन्हें स्वदेशी खेती के फायदे भी बताए जा रहे हैं।

6) औषधीय पौधों की खेती में लाभ:
अगर आपके पास खेत है तो आप वहां कृषि कार्यों में शामिल हो सकते हैं। औषधीय और उन्नत फसलों की खेती कर सकते हैं। सरकारी अनुदान की सहायता से पॉलीहाउस का निर्माण कर पौध तैयार करने की भी शुरुआत कर सकते हैं। फूलों की खेती भी फायदेमंद साबित हो सकती है। 

7) स्वदेशी टूरिज्म, होम स्टे से कमाई:
कुछ गांव अपने स्थानीय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के तामिया में लोकप्रिय जनजातीय पर्यटन स्थल पातालकोट में पर्यटकों के लिए होम स्टे और शुद्ध आदिवासी भोजन उपलब्ध कराने के लिए पातालकोट की रसोई की शुरुआत की गई है। इससे गांव के लोगों को रोजगार और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का अवसर भी मिल रहा है।

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