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8th Pay Commission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार (16 जनवरी) को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी। यहां जानिए 8वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी क्या होगी?

8th Pay Commission: मोदी कैबिनेट ने गुरुवार (16 जनवरी) को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की। वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन और पेंशन मिल रही है। जिसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होने वाला है। ऐसे में संभावना है कि जनवरी 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू होगा और उसके तहत कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 180 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। 7वां वेतन आयोग जब लागू किया गया था, तब कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह कर दी गई थी। आइए जानते हैं कि 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है।

महंगाई भत्ता बढ़कर हुआ 53%
1 जुलाई 2024 से प्रभावी, केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने मूल वेतन का 53% महंगाई भत्ते/राहत के रूप में पाने के हकदार हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2025 से महंगाई भत्ते/राहत में बढ़ोतरी मिलनी है। वर्तमान में, सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और पेंशन मिल रही है। वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भविष्य में घोषित की जाएंगी।

8वें वेतन आयोग की प्रमुख बातें

  • लागू होने की संभावना: जनवरी 2026।
  • महंगाई भत्ता: जुलाई 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को 53% महंगाई भत्ता मिलेगा।
  • फिटमेंट फैक्टर: 2.5 से 2.86 तक होने की संभावना, जिससे न्यूनतम वेतन ₹51,480 तक बढ़ सकता है।
  • सैलरी बढ़ोतरी: औसतन ₹40,000 से ₹45,000 तक की वृद्धि हो सकती है।

वेतन आयोग का इतिहास
7वां वेतन आयोग (1 जनवरी 2016 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह किया गया।
  • फिटमेंट फैक्टर: 2.57

6वां वेतन आयोग (1 जनवरी 2006 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹7,000 (₹2,750 से बढ़ाकर)
  • फिटमेंट फैक्टर: 1.86
  • वेतन संरचना: 51 वेतन बैंड को घटाकर 34 बैंड कर दिया गया।
  • भत्ते लागू होने की तारीख: 1 सितंबर 2008 से।
  • महंगाई भत्ते में वृद्धि: 16% से बढ़ाकर 22% किया गया।

5वां वेतन आयोग (1 जनवरी 1996 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹750 से बढ़ाकर ₹2,750 किया गया।
  • फिटमेंट फैक्टर: प्रस्तावित 1.74, लागू 1.86
  • कर्मचारियों की संख्या में कटौती: 30% तक सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटाने की सिफारिश।
  • ग्रेच्युटी सीमा: ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3.5 लाख।

4था वेतन आयोग (1 जनवरी 1986 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹750 प्रति माह।
  • अधिकतम वेतन: ₹9,000 प्रति माह।
  • अन्य लाभ: वेतन बैंड की संरचना में बदलाव।

3rd Pay Commission (1 जनवरी 1973 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹185 से बढ़ाकर ₹400।
  • मुख्य सुधार: पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत का प्रावधान।

2nd Pay Commission (1 जनवरी 1959 से लागू)

  • न्यूनतम वेतन: ₹55 से बढ़ाकर ₹80।
  • मुख्य सुधार: वेतन में महंगाई के प्रभाव को जोड़ना।

1st Pay Commission (1 जनवरी 1946 से लागू)
न्यूनतम वेतन: ₹30 से ₹70।

8वें वेतन आयोग के संभावित फायदे

  • सैलरी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी: फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन ₹51,480 प्रति माह हो सकता है।
  • महंगाई भत्ता: महंगाई राहत के साथ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
  • भविष्य के लाभ: ग्रेच्युटी, ईपीएफ और अन्य रिटायरमेंट लाभ में वृद्धि।
  • भत्तों की समीक्षा: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और अन्य भत्तों में संशोधन की संभावना।
  • प्रदर्शन आधारित वेतन: बेहतर कामकाज करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त लाभ।

फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह कैसे काम करता है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है जिसके माध्यम से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में वृद्धि की जाती है। यह वेतन आयोग की सिफारिशों का प्रमुख घटक होता है।

फॉर्मूला:
मूल वेतन × फिटमेंट फैक्टर = नया मूल वेतन।

उदाहरण:
अगर आपका वर्तमान मूल वेतन ₹40,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो
40,000 × 2.86 = ₹1,14,400 (नया मूल वेतन)।

महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते भविष्य में जोड़े जाएंगे।

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