8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है। मौजूदा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं और इसका कार्यकाल जनवरी 2026 में समाप्त होगा। वेतन वृद्धि और डीए (महंगाई भत्ता) बढ़ोतरी को लेकर उम्मीदें पहले से ही बढ़ रही हैं।
8वें वेतन आयोग: कब होगा गठन?
सरकारी नियमों के अनुसार, हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था। कर्मचारियों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग का गठन 2025 में हो सकता है, ताकि सिफारिशें जनवरी 2026 तक लागू की जा सकें। हालांकि, सरकारी सूत्रों के मुताबिक अभी आयोग के गठन पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। हाल ही में कर्मचारी संगठनों ने कैबिनेट सचिव से मुलाकात कर आयोग के शीघ्र गठन की मांग की।
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8वें वेतन आयोग: कितनी होगी वेतन वृद्धि?
7वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये थी, जिसे 23% बढ़ोतरी के साथ लागू किया गया। लेकिन 8वें वेतन आयोग में यह न्यूनतम वेतन 34,500 रुपये तक बढ़ने की संभावना है।
डीए हाइक फॉर्मूले में बदलाव की उम्मीद
अभी डीए बढ़ोतरी 7वें वेतन आयोग के फॉर्मूले पर आधारित है। लेकिन 8वें वेतन आयोग में इसमें बदलाव की संभावना है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में सुझाव दिया गया है कि भारत के मुद्रास्फीति लक्ष्य में खाद्य महंगाई को अलग रखा जाए। एक वरिष्ठ कर्मचारी संगठन के सदस्य ने बताया, "आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर डीए हाइक फॉर्मूले को 8वें वेतन आयोग में संशोधित किया जा सकता है।"
पेंशनर्स को मिलेगा अतिरिक्त लाभ
वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ पेंशनर्स को भी मिलेगा। पेंशन की न्यूनतम राशि 9,000 रुपये से बढ़ाकर 17,280 रुपये करने का प्रस्ताव है। इससे पेंशनर्स की जीवनशैली में सुधार आएगा और वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे। सरकार का यह निर्णय पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के उद्देश्य से लिया गया है।
वेतन आयोग से लाखों को होगा फायदा
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। NCJCM के सचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ वेतन में बढ़ोतरी का समय आ गया है। इस कदम से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की मेहनत को सम्मान मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।