अडाणी रिश्वतखोरी मामला: अमेरिकी कोर्ट ने तीनों केस को जोड़ा, अब आपराधिक और सिविल मामलों की एक साथ होगी सुनवाई

Gautam Adani Bribery Case
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न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उद्योगपति गौतम अडाणी के खिलाफ चल रहे तीन मामलों को एक साथ सुनने का आदेश दिया है।
Adani bribery case: न्यूयॉर्क की अदालत ने 265 मिलियन डॉलर रिश्वत मामले में अडाणी के तीन केसों को जोड़कर संयुक्त ट्रायल का आदेश दिया। जानें आरोप और कंपनी का पक्ष।

Adani bribery case:न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उद्योगपति गौतम अडाणी के खिलाफ चल रहे तीन मामलों को एक साथ सुनने का आदेश दिया है। यह आरोप 265 मिलियन डॉलर (करीब 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत से जुड़े हैं। अदालत ने कहा कि ये मामले समान आरोपों और लेन-देन से जुड़े हैं, इसलिए इन्हें क्लब किया गया है। यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए लिया गया है।

आरोपों में रिश्वत और गुमराह करने के दावे
अडानी और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने सोलर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। इस मामले में तीन केस शामिल हैं। इनमें से एक आपराधिक मामला (US vs Adani), और दो सिविल मामले (SEC vs Adani और SEC vs Cabanes) हैं। अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि इन लेन-देन की जानकारी अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई थी। ऐस करना अमेरिकी कानून में अपराध है

न्यायिक प्रक्रिया में आई है तेजी
अदालत ने 12 दिसंबर, 2024 को आदेश जारी किया, जिसमें केस को ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट न्यूयॉर्क कोर्ट के जज निकोलस जी गारौफिस को सौंपा गया। इन मामलों की प्री-ट्रायल प्रक्रिया की देखरेख जज जेम्स आर चो करेंगे। "प्री-ट्रायल नॉन-डिसपोजिटिव मैटर्स" से जुड़े मुद्दे ट्रायल से पहले हल किए जाएंगे। ये ऐसे मुद्दे हैं, जो अंतिम फैसले को प्रभावित नहीं करते।

अडाणी ग्रुप ने आरोपों को बताया आधारहीन
अडाणी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे सभी कानूनों का पालन करने वाली संस्था हैं। अडाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। ट्रायल शुरू होने तक सभी आरोपित निर्दोष माने जाते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कानूनी प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेगी। अडाणी ग्रुप ने अपने डायरेक्टर पर किसी प्रकार के आपराधिक मामला दर्ज होने का भी खंडन किया है।

अदालत का फैसला क्यों अहम?
यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक साथ सुनवाई से मामलों में भ्रम और देरी से बचा जा सकेगा। तीनों मामलों को एक ही अदालत में सुनना न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाएगा। अब यह देखना होगा कि इन आरोपों पर अदालत में क्या निष्कर्ष निकलता है। अमेरिकी कोर्ट में आरोप लगने के बाद भारत में अडाणी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। अब अगर एक बार फिर से अडाणी ग्रुप पर लगे आरोप साबित होते हैं तो अडाणी समूह के शेयरों पर असर हो सकता है।

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