Reliance Power: उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की रिलायंस पावर (Reliance Power) ने पिछले 6 महीनों में जबरदस्त वापसी की है। कंपनी के शेयरों की कीमत और बाजार पूंजीकरण में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। 7 दिनों से रिलायंस पावर के शेयर रॉकेट बने हुए हैं, इनमें 40% से ज्यादा का उछाल देखा गया है। 2020 में दिवालियापन के ऐलान के बाद अनिल अंबानी अब सफलता के साथ वापसी कर रहे हैं, जिसमें उनके बेटों का भी अहम रोल है।
निगेटिव खबरों के कारण सुर्खियों में रहे अनिल अंबानी
धीरू भाई अंबानी के बड़े बेटे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) लगातार सुर्खियों में बने रहे, वहीं अनिल अंबानी का नाम हाल के वर्षों में ज्यादातर निगेटिव खबरों के कारण सामने आया। रिलायंस कैपिटल के करीब-करीब ध्वस्त होने से लेकर SEBI के साथ विवादों तक, अनिल अंबानी ने कई चुनौतियों का सामना किया है। लेकिन रिलायंस पावर की हालिया दोबारा उठ खड़े होने की योजना ने उनके करियर में पॉजिटिव चेंज की शुरुआत कर दी है।
7 दिनों में रिलायंस पावर के शेयर रॉकेट बने, 40% उछाल
- रिलायंस पावर, जो कभी भारी कर्ज में डूबी थी, अब 16,000 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई है। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों (Reliance Power shares) में 158% की तेजी आई है, जो 15.53 रुपए से बढ़कर 40 रुपए के पार पहुंच गए हैं। यह उछाल मुख्य रूप से कंपनी के कर्ज-मुक्त होने के फैसले और बड़े निवेशकों के फंडिंग से आया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
- रिलायंस पावर के शेयरों ने गुरुवार को NSE पर 5% की बढ़त हासिल की और 52 वीक के हाई लेवल 44.15 पर पहुंच गए। शेयर लगातार सातवें दिन 5% के अपर सर्किट पर बंद हुआ, जो रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। पिछले 7 दिनों में रिलायंस पावर के शेयर करीब 40.6% तक बढ़ चुके हैं।
छठे सबसे अमीर शख्स से दिवालिया तक का सफर
अनिल अंबानी, जो 2008 में 42 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति थे, उनकी संपत्ति भारी कर्ज के कारण तेजी से घटती चली गई। उनकी कंपनियां, जिनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस भी शामिल थी, दिवालियापन की कगार पर आ गईं। 2020 में उन्होंने ब्रिटिश कोर्ट में खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था। भारी कर्ज और लेनदारों के दबाव ने उन्हें गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया था।
दिवालियापन से कैसे दोबारा उठ खड़ी हुई रिलायंस पावर?
रिलायंस पावर का पुनरुद्धार दिसंबर 2023 में शुरू हुआ, जब कंपनी ने अपने कर्ज को चुकाना शुरू किया। मार्च 2024 तक, कंपनी ने 1,023 करोड़ रुपए कर्ज चुकाया, फिर अगस्त में 800 करोड़ रुपए और हाल ही में 3,872 करोड़ रुपए का लोन निपटाकर कंपनी को कर्ज-मुक्त बना दिया।
₹16,000 करोड़ मार्केट कैप तक कैसे पहुंची कंपनी?
कर्ज-मुक्त होने के बाद रिलायंस पावर के शेयरों में तेजी से उछाल आया और पिछले 9 कारोबारी दिनों में शेयरों में 35% की बढ़त दर्ज की गई। लगातार चार दिनों तक शेयरों ने 5% के अपर सर्किट छुआ। यह उछाल सिर्फ हालिया तेजी का परिणाम नहीं है, बल्कि एक साल लंबी पुनरुद्धार प्रक्रिया का हिस्सा है। अक्टूबर 2023 में कंपनी के शेयर 15.53 रुपए के 52-वीक के निचले स्तर पर थे और उस समय इसका बाजार पूंजीकरण यानी MCap 6,238 करोड़ रुपए था। इसके बाद से कंपनी का वैल्यूएशन 9,853 करोड़ रुपए बढ़कर सितंबर 2024 में 16,091 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।