ANPR-FASTag Update: देशभर में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा था कि 1 मई 2025 से हाईवे पर टोल वसूली के लिए FASTag सिस्टम को बंद कर दिया जाएगा। इस सिस्टम की जगह एक नया सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। इस खबर ने कई वाहन चालकों और FASTag उपयोगकर्ताओं में भ्रम और चिंता की स्थिति पैदा कर दी थी। लेकिन अब सरकार ने इस पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है और FASTag सिस्टम को जारी रखा जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। इसके बजाय सरकार एक नए तकनीकी सिस्टम 'ANPR-FASTag आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम' को चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगी।
Clarification on Launch of Satellite-based Tolling System from 1st May 2025
— PIB India (@PIB_India) April 18, 2025
🔰 Some sections of the media have reported that a Satellite-based Tolling System will be launched from 1st May 2025 and will replace the existing #FASTag-based toll collection system
🔰 This is to…
क्या है सरकार की नई योजना?
सड़क परिवहन मंत्रालय ने यह साफ किया है कि FASTag को हटाने या बंद करने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। इसके बजाय, सरकार टोल प्लाज़ा पर एक नई तकनीक को लागू करने जा रही है जिसे ANPR-FASTag आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम कहा जाता है। इसका उद्देश्य टोल वसूली की प्रक्रिया को और तेज़, आसान और बिना रुकावट के बनाना है।
इस नई प्रणाली में दो तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा—FASTag और ANPR (Automatic Number Plate Recognition)। इसमें हाई-स्पीड कैमरे लगे होंगे जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और FASTag की जानकारी को पढ़ेंगे, जिससे गाड़ी बिना रुके टोल पार कर सकेगी।
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क्या रहेगा FASTag यूज़र्स के लिए जरूरी?
आप अपना मौजूदा FASTag इस्तेमाल करते रह सकते हैं।
टोल प्लाज़ा पर रीयल-टाइम स्टेटस अपडेट की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी।
बस इतना सुनिश्चित करना होगा कि आपके FASTag वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस हो।
आप FASTag को UPI, नेट बैंकिंग, सेविंग या करंट अकाउंट से रिचार्ज कर सकते हैं।
नए सिस्टम के फायदे क्या होंगे?
बिना रुके वाहन की आवाजाही: नई प्रणाली से टोल प्लाज़ा पर बैरियर नहीं होगा, जिससे वाहन बिना रोके गुजर सकेंगे।
समय की बचत: लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा और यात्रा में समय की बचत होगी।
कम ट्रैफिक जाम: गाड़ियों का फ्लो बेहतर रहेगा जिससे ट्रैफिक जाम नहीं लगेगा।
अधिक पारदर्शिता: टोल वसूली पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी होगी।
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कब और कैसे होगा लागू?
मंत्रालय ने कहा है कि यह नई प्रणाली 1 मई 2025 से चुनिंदा स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जाएगी। इसके परिणाम और उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया देखने के बाद ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
(कीर्ति)