Apple Removes WhatsApp: रिपोर्ट में दावा- Apple ने चाइना के ऐप स्टोर से वॉट्सऐप और थ्रेड्स को हटाया, जानें क्या है कारण?

Apple Removes WhatsApp: द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, iPhone मेकर ने ऐप्स हटाने के फैसले के पीछे चीन के शीर्ष इंटरनेट नियामक द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं का हवाला दिया है।;

Update:2024-04-19 15:44 IST
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Apple Removes WhatsApp: अमेरिका की iPhone निर्माता कंपनी ऐपल ने ऐप स्टोर से वॉट्सऐप और थ्रेड्स को हटाने का फैसला लिया है। कंपनी के इस अभियान की शुरुआत चीन से हुई है। अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में शुक्रवार को यह दावा किया गया। ऐपल की मानें तो चीन के शीर्ष इंटरनेट नियामक ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण चीन के ऐप स्टोर से ऐप्स हटाने के लिए कहा है।

WhatsApp हटाने पर ऐपल ने क्या कहा?
WSJ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईफोन मैन्यूफ्रैक्चरर कंपनी ने चीन में अपने ऐप स्टोर से मेटा प्लेटफ़ॉर्म के वॉट्सऐप और थ्रेड्स को हटाया है। कंपनी ने कहा कि इसके लिए चीन की सरकार ने आदेश दिया था। इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण हो सकते हैं। अखबार ने ऐपल के स्पोक्सपर्सन के हवाले से बताया कि कंपनी उन देशों में कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य हैं, जहां वह काम करती है, भले ही इस मामले में सहमति न बन पाई हो।

इंफॉर्मेशन फ्लो पर पकड़ मजबूत कर रहा चीन 
चीनी इंडस्ट्री और आईटी मंत्रालय (एमआईआईटी) इंफॉर्मेशन फ्लो पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। यह फैसला ऑनलाइन कंटेंट पर लगाम कसने की एक कोशिश है। जो घरेलू और विदेशी कंपनियों को चीन सरकार द्वारा राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मानी जाने वाली जानकारियों तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य करता है। पिछले साल अगस्त में चीनी अधिकारियों ने सभी मोबाइल ऐप डेवलपर्स को मार्च 2024 तक सरकारी रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया था। सरकार मानती है कि यह कदम स्कैम और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने का कारगर तरीका है।

2023 में सरकार ने की थी ऐप्स हटाने की शुरुआत 
दूसरी ओर, ऐपल और मेटा ने WSJ की रिपोर्ट पर कमेंट करने के न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सवाल पर कोई त्वरित जवाब नहीं दिया है। लेकिन ऐपल द्वारा WhatsApp और थ्रेट्स को हटाने का फैसला उस प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ऐपल के आईओएस और गूगल के एंड्रॉइड जैसे ऐप स्टोर से अनरजिस्टर्ड या इनेक्टिव ऐप को हटाना था। तब सरकार ने 2023 में असुरक्षित ऐप्लिकेशन को हटाने का सफाई अभियान शुरू किया था। 

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