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tax Saving with good returns: इनकम टैक्स की बचत करने के साथ-साथ शानदार रिटर्न भी मिले। ऐसे विकल्पों की तलाश हर किसी को रहती है। ऐसे में आप इन जगहों पर निवेश कर टैक्स की बचत के साथ बेहतर रिटर्न भी पा सकते हैं। 

Income tax Saving with good returns: मौजूदा वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर खत्म होने की ओर है और करीब आ रही है इनकम टैक्स फाइलिंग की डेट भी। ऐसे में अगर आपने टैक्स की बचत के लिए कोई प्लानिंग नहीं की है तो यहां बताए गए 5 विकल्प आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। जहां आपको इनकम टैक्स की बचत के लाभ के साथ-साथ बेहतर रिटर्न भी मिलेगा। आइए, जानते हैं टॉप 5 बेस्ट सेविंग इन्वेस्टमेंट के बारे में... 

1. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
एनपीएस एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, जो एक पेंशन स्कीम की तरह काम करता है। इसमें चक्रवृद्धि ब्याज का अधिक फायदा मिलता है। फिलहाल, NPS की ब्याज दर 9-12% के बीच है। इसमें 30 साल या अधिक समय तक निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा। 18-60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इस स्कीम में मेंबरशिप ले सकता है। नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करने पर आपको रिटायरमेंट पर एक बड़ी रकम मिलती है। NPS में पैसा जमा करने वालों को इनकम टैक्स के सेक्शन 80-CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए और इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट भी मिलती है। 

2. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
इनकम टैक्स में दोहरी बचत का लाभ यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) से लिया जा सकता है। बचत के लिहाज से यूलिप को बेहतर ऑप्शन माना जाता है। इसमें 5 साल में एवरेज रिटर्न 8 फीसदी सालाना से ज्यादा रहा है। टैक्स सेविंग के लिहाज से यूलिप में निवेश करने पर 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। साथ ही ULIP की मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम सेक्शन 10(10d) के तहत टैक्स फ्री होती है। लेकिन इसके साथ सालाना प्रीमियम में कम से कम 10 गुना लाइफ कवरेज की शर्त जुड़ी है। इस प्लान में पॉलिसी होल्डर सुविधा के हिसाब से इक्विटी फंड से डेट फंड या डेट फंड से इक्विटी फंड में जा सकते हैं। 

3. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) 
ELSS एक अच्छा टैक्स सेविंग और निवेश विकल्प हो सकता है। इसमें निवेश करने पर 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलती है, जिससे व्यक्ति अपनी कुल आय से निर्धारित राशि तक की बचत कर सकता है। इस स्कीम में पिछले 5 साल में निवेशकों को 18 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिला है। ELSS में निवेश का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल का है, जो बाकी टैक्स सेविंग ऑप्शंस के मुकाबले कम है। साथ ही एक साल में 1 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसमें ज्यादा प्रॉफिट पर आने पर 10 फीसदी की दर  से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है। इसमें SIP यानी Systematic Investment Plan के जरिए निवेश को बेहतर समझा जाता है।

4. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य बेटियों के नाम पर निवेश को बढ़ावा देना है। इसमें सालाना आधार पर अभी 8.2 प्रतिशत ब्याज का फायदा मिल रहा है। ऐसे लोग जिनकी बेटियों की उम्र 10 साल या उससे कम हो, वह इस योजना में निवेश के लिए पात्र हैं। बेटी की उम्र 18 साल होने तक इस स्कीम में लॉक-इन रहेगा। सुकन्या खाते में जमा राशि और मैच्योरिटी अमाउंट इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स फ्री है। एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए की राशि जमा की जा सकती है। अभिभावक अधिकतम दो बेटियों के सुकन्या खाते खोल सकते हैं। लेकिन ट्रैक्स फ्री रकम सालभर में 1.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है।

5. सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS)
देश में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम (SCSS) इनकम टैक्स बचत का बेहतर विकल्प हो सकती है। फिलहाल, इसमें 8 फीसदी से ज्यादा दर पर रिटर्न मिल रहा है। इसमें निवेश पर 5 साल का लॉक-इन होता है। जिसे 3-3 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं, हालांकि इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर इनकम टैक्स के दायरे में होती है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों को सालभर में 50 हजार रु. तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। सीनियर सिटिजन्स सेविंग स्कीम के तहत अधिकतम 30 लाख रुपए तक निवेश किया जा सकता है। पहली बार निवेश करने पर 80सी के तहत आयकर में छूट मिलती है। लेकिन यह रिन्यूवल पर लागू नहीं है। 

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