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Branded clothes GST rate: जीएसटी मंत्री समूह ने ब्रांडेड कपड़ों पर 18 से 28 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की गई है। कन्फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर प्रस्तावित दरों का विरोध जताया है।

Branded clothes GST rate: नए साल में ब्रांडेड कपड़े महंगे हो सकते हैं। सरकार ने इन पर 10 फीसदी जीएसटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। मंत्री समूह ने भी इसके लिए सिफारिश की है। कपड़ों में जीएसटी बढ़ने से आमजन ही नहीं बल्कि व्यापारियों की भी परेशानी बढ़ सकती है। व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था कैट ने इसका विरोध जताया है। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र
कन्फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी बढ़ाए जाने की सिफारिशों का विरोध किया है। प्रदेश सचिव अशोक दौलतानी ने कहा, पकड़ा उद्योग पहले ही आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। प्रस्तावित जीएसटी दरों से मुश्किलें और बढ़ेंगी। संस्था की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है।

18 से 28 फीसदी तक GST 
कैट के सतना जिलाध्यक्ष पवन मलिक ने बताया, मंत्री समूह ने जीएसटी दरों से संबंधित जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें 1500 से 10000 तक के ब्रांडेड कपड़ों में 18% और 10000 से महंगे कपड़ों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की गई है। प्रस्तावित दरों को लेकर कपड़ा व्यापारियों में खासा आक्रोश है। 

New GST rate Garment Industry
New GST rate Garment Industry

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व्यापारियों की मांग-यथावत रहें GST दरें
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्माला सीतारमण को लिखे पत्र में कैट (Confederation of All India Traders) की ओर बताया गया कि जीएसटी दरें बढ़ाए जाने से कपड़ा कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा। ख़ासकर, मध्यम वर्गीय व्यापारी परेशान हो जाएंगे। व्यापारियों के हित को देखते हुए निर्णय लेना चाहिए।

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गुजरात के वित्त मंत्री को लिखा पत्र 
कैट के कमलेश पटेल ने बताया, जीएसटी दरें बढ़ाए जाने से गारमेंट इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी। इसके दुष्परिणाम लंबे समय तक भुगतने पड़ सकते हैं। कैट गुजरात के वित्त मंत्री को भी पत्र लिखा है। उनसे आग्रह किया गया है कि जीएसटी  काउंसिल की मीटिंग में इस मुद्दे का विरोध करें। साथ ही जीएसटी दरें यथवत रखनें की मांग करें। 

इन व्यपारियों ने भी जताई आपत्ति
कैट के कमलेश पटेल, चंद्रशेखर अग्रवाल, अशोक दौलतानी, मनोहर वाधवानी, अभिषेक जैन पवन ताम्रकार, नरेंद्र गुप्ता, पवन मलिक, नरेंद्र जैन, संदीप मगंल, शुशील ‌मंघनानी,अशोक वाधवानी, राजीव गुप्ता, जितेंद्र साबनानी, मोनिका अवस्थी, मंजुला शाह, मोना चोपड़ा, राजेश अग्रवाल, मनोहर डिगवानी, मनोज अग्रवाल, सीमा नेमा, सोनाली जैन, दीप्ति ओझा, जेपी शर्मा, अनूप मंघनानी, जेठानंद वाधवानी, गोविन्द छाबड़िया, अंकुल अग्रवाल, तरुण ठक्कर, बिहारी मंघनानी, बलविंदर सिंह, गोपी कापड़ी, राजेश सराफ, प्रवीण मित्तल, कुलदीप चौरसिया ने भी जीएसटी दरें बरकरार रखने की वकालत की है।

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