Agri Schemes fund Approved: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार (2 सितंबर) को किसानों की आजीविका में सुधार और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए 13,966 करोड़ रुपए के 7 प्रमुख कृषि कार्यक्रमों को मंजूरी दी। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य देशभर के किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना और कृषि क्षेत्र में एडवांस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है।

1) डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन
कैबिनेट ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपए आवंटित किए। इस मिशन का लक्ष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बिग डेटा और भू-स्थानिक डेटा जैसी आधुनिक तकनीकों को कृषि प्रक्रियाओं में शामिल करना है। इसके तहत एक व्यापक एग्री स्टैक तैयार किया जाएगा, जिसमें किसानों का रजिस्टर, गांव की भूमि के नक्शे और फसल बुवाई का रजिस्टर शामिल होगा। इस मिशन से खेती की तकनीकों में सुधार होगा और किसानों को सही जानकारी और संसाधन मिल सकेंगे।

2) फसल विज्ञान और खाद्य सुरक्षा
जलवायु परिवर्तन से निपटने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फसल विज्ञान कार्यक्रम के लिए 3,979 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। यह कार्यक्रम पौधों के आनुवंशिक संसाधन, खाद्य और चारा फसलों के सुधार और कीट तथा परागणकर्ताओं पर अनुसंधान पर केंद्रित होगा।

3) कृषि शिक्षा का आधुनिकीकरण
कृषि शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए कैबिनेट ने 2,291 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस पहल के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के साथ नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कृषि शिक्षा को एडवांस बनाया जाएगा, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को मौजूदा कृषि चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा सके।

4) पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन
सतत पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है, जिससे पशुधन और डेयरी उत्पादन में सुधार कर किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

5) उद्यानिकी (हॉर्टिकल्चर) का विकास
उद्यानिकी के सतत विकास के लिए 860 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य मसालों और औषधीय पौधों समेत कई उद्यानिकी फसलों से किसानों की आय में वृद्धि करना है।

6) कृषि विज्ञान केंद्र और रिसोर्स मैनेजमेंट
कैबिनेट ने कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) को मजबूत करने के लिए 1,202 करोड़ रुपए और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। ये पहल कृषि अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने और सतत संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई हैं।

इस फैसले से भारत के कृषि क्षेत्र में अहम बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आजीविका में सुधार होगा और देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा।