Chakshu Portal: केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "Chakshu पोर्टल" की शुरुआत की है, जो कि संचार साथी पोर्टल के तहत एक अत्यंत उपयोगी और नवीनतम सुविधा है। इस पोर्टल का मतलब है "आंख" (Eye) और इसका उद्देश्य फर्जी कॉल और मैसेज करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है। इसकी शुरुआत केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। यह सेवा एक सुरक्षित साइबर व्यवस्था बनाने का प्रयास करेगी। 

इस नए पोर्टल के जरिए लोग फर्जी कॉल, मैसेज, और वॉट्सऐप चैट की शिकायतें कर सकते हैं, जिससे उनके साइबर सुरक्षा के खिलाफ सुरक्षा में मदद मिल सकती है। इसमें विभिन्न तरीकों से फ्रॉड की रिपोर्टिंग के लिए विकल्प शामिल हैं। जैसे- बैंक अकाउंट अपडेट, केवाईसी अपडेट, पेटीएम वॉलेट, नया सिम, गैस कनेक्शन और सभी तरह के फ्रॉड की रिपोर्ट किया जा सकेगा। इसके अलावा साइबर और फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और https://www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर कर सकते हैं। 

डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) भी शुरू
Chakshu पोर्टल को लॉन्च करने के साथ ही टेलीकॉम मंत्रालय ने एक और महत्वपूर्ण उपाय किया है, जिसे "डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP)" कहा जाता है। इसका उद्देश्य साइबर क्राइम और बैंकिंग फ्रॉड को रोकने में सरकार को सहायक होना है। यह एक और कदम है जो सरकार ने लिया है ताकि व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और लोग सुरक्षित रूप से डिजिटल कनेक्टिविटी का आनंद ले सकें।

फ्रॉड कॉल और SMS की शिकायत कर पाएंगे
इस पोर्टल के जरिए सुरक्षा समस्याओं की रिपोर्टिंग करने वालों को सहारा मिलेगा और साइबर अपराधों के खिलाफ सकारात्मक कदम उठाने में सरकार को मदद मिलेगी। यह एक प्रोग्रेसिव और जन-केंद्रित उपाय है, जिससे डिजिटल जगत में लोगों की सुरक्षा को बढ़ावा मिल सकेगा और साइबर अपराधों पर लगान लगेगी। बता दें कि Chakshu एक नागरिक केंद्रित सुविधा है, जो कि पहले से संचार साथी पोर्ट पर उपलब्ध है। 

क्या है संचार साथी पोर्टल?
बता दें कि केंद्र सरकार ने मई 2023 में संचार साथी पोर्टल की शुरुआत की थी। इसके बाद से अब तक शिकायतों के आधार पर करीब एक करोड़ मोबाइल नंबर को बंद किया जा चुका है। इस सुविधा में यूजर्स खो जाने पर या चोरी होने पर मोबाइल नंबर से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही मोबाइल नंबर को ब्लॉक और अनब्लॉक करवा सकते हैं। अब तक करीब 1 करोड़ 40 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक हो चुके हैं, जबकि 7 लाख हैंडसेट को ट्रैक हुए हैं।