Credit Card: मौजूदा समय में महंगाई का मुकाबला करने के लिए लोग कई बार क्रेडिट कार्ड का सहारा लेते हैं। इसने हमारी भुगतान करने की आदतों को बदलकर रख दिया है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें। क्योंकि यह आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारने और बिगाड़ने दोनों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसलिए आपको क्रेडिट कार्ड यूज करने से जुड़ी कुछ अहम बातों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। लेकिन कई बार ग्राहकों (यूजर्स) को इसकी वित्तीय शब्दावली को जानकारी नहीं होती है।
1) सालाना शुल्क (Annual Fee)
कई क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता अपने कुछ प्रीमियम क्रेडिट कार्ड्स पर चार्ज ले सकते हैं, जो विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं। यह चार्ज आमतौर पर सालाना लिया जाता है।
2) लाइफटाइम फ्री और शुल्क माफी (Lifetime Free vs Fee Waiver)
लाइफटाइम फ्री: अगर आपके क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट या वेलकम किट में 'लाइफटाइम फ्री' शब्द का उल्लेख है, तो इसका मतलब है कि आपके कार्ड के उपयोग पर कोई सालाना चार्ज नहीं लिया जाएगा। इसकी पुष्टि करने के लिए अपने बैंक से इसे रिकॉर्ड में रखने के लिए एक ईमेल के लिए अनुरोध करें।
शुल्क माफी: यह सालाना चार्ज के अस्थायी निलंबन को दर्शाता है, जो मौजूदा कार्डधारकों के लिए एक प्रचार प्रस्ताव के रूप में बढ़ाया जाता है।
3) सालाना प्रतिशत दर (APR - Annual Percentage Rate)
यह क्रेडिट कार्ड के बकाया शेष पर लगाए गए वार्षिक ब्याज दर का स्टैंडर्स पैमाना है। इसे मूल राशि के प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है।
4) ब्याज दर (Interest Rate)
यह मासिक प्रतिशत दर होती है, जो बकाया शेष पर लागू होती है और इसे वार्षिक प्रतिशत दर (APR) के रूप में जाना जाता है।
5) क्रेडिट लिमिट (Credit Limit)
यह कार्ड जारीकर्ता द्वारा आपको दी गई अधिकतम क्रेडिट राशि है। जैसे- अगर आपके पास 50,000 रुपए क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड है, तो आप क्रेडिट कार्ड से बिलिंग साइकिल के दौरान इस राशि तक खर्च कर सकते हैं।
6) उपलब्ध क्रेडिट (Available Credit)
जैसे-जैसे आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, आपकी कुल क्रेडिट सीमा उपयोग के साथ कम होती जाती है। आपकी कुल क्रेडिट लिमिट और वर्तमान शेष के बीच का अंतर आपकी उपलब्ध क्रेडिट लिमिट है।
7) भुगतान की देय तिथि (Payment Due Date)
ड्यू डेट वह टाइम लिमिट है, जिसमें आपको बकाया क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करना होता है। नियत तिथि से अधिक भुगतान में देरी करने से विलंब भुगतान शुल्क और जुर्माना लग सकता है।
8) क्रेडिट कार्ड शुल्क (Credit Card Fees)
आपके क्रेडिट कार्ड शुल्क में आमतौर पर अतिरिक्त शुल्क शामिल होते हैं। जैसे- वार्षिक शुल्क, लेट फीस या लिमिट एक्सीडिंग फीस।
9) ग्रेस पीरियड (Grace Period)
ग्रेस पीरियड वह विंडो है, जो आपको बिलिंग साइकिल के आखिर और बकाया राशि चुकाने की नियत तारीख के बीच मिलती है। यह ब्याज-मुक्त अवधि होती है।
10) वित्त शुल्क (Finance Charge)
यह बिलिंग अवधि के दौरान बकाया राशि पर लगाए गए कुल ब्याज को दर्शाता है।
11) कुल देय राशि (Total Amount Due)
बिलिंग साइकिल के आखिर में जारीकर्ता पर आपकी बकाया राशि को कुल देय राशि के रूप में जाना जाता है।
12) न्यूनतम देय राशि (Minimum Amount Due - MAD)
बिल भुगतान के दौरान आपको अक्सर बकाया राशि के लिए न्यूनतम भुगतान करने का ऑप्शन मिलेगा। यह आमतौर पर बकाया बिल राशि का 5% तक होता है।
13) देरी से भुगतान शुल्क (Late Payment Fee)
अगर आप दी गई समय सीमा तक अपने बकाया क्रेडिट कार्ड का भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो कार्ड जारीकर्ता आपसे लेट फीस वसूल सकता है।
14) रिवार्ड समरी (Reward Summary)
जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं, तो आपको कई तरह के ट्रांजैक्शन पर रिवॉर्ड प्वाइंट मिलते हैं। अगर आप किसी रिवॉर्ड के लिए पात्र हैं, तो यह आपके बिलिंग साइकिल के आखिर में आपके स्टेटमेंट में दिखाई देगा।
15) स्टेटमेंट की तारीख (Statement Date)
यह वह तारीख है जब आपका बिलिंग साइकिल पूरा हो जाता है और आपका नया कार्ड स्टेटमेंट तैयार होता है।
16) ट्रांजैक्शन अमाउंट (Transaction Amount)
हर बार जब आप क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उसके लिए कार्ड पर जो राशि ली जाती है, उसे ट्रांजैक्शन अमाउंट कहा जाता है।
17) ट्रांजैक्शन डिटेल (Transaction Details)
आपके द्वारा क्रेडिट कार्ड पर किए गए ट्रांजैक्शन की डिटेल दर्ज होती है। इसमें आमतौर पर जिसे पेमेंट हुआ है उसका नाम, जगह, किस मोड से हुआ और खरीदारी की रकम शामिल होती है।