TDP-related Stocks: आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने परचम लहराया है। मंगलवार को आए नतीजों में पार्टी ने अपने दम पर 135 सीटें जीतकर इतिहास रच डाला। राज्य में इस बार एनडीए की सरकार बनने वाली है। यहां विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 8 और पवन कल्याण की जनसेना पार्टी (JnP) को 21 सीटों पर जीत मिली। सत्तारुढ़ दल YSRCP महज 11 सीटों पर सिमट गई। पिछले चुनावों में जगनमोहन रेड्डी की सरकार बनी थी।
टीडीपी से इन दो कंपनियों का है नाता
आंध्र प्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। उन्हें नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) का समर्थन मिलेगा। बुधवार को टीएमसी से जुड़ी दो कंपनियों के शेयरों बंपर उछाल देखने को मिला। जिसे आंध्र प्रदेश में पार्टी की जीत के बाद का असर माना जा रहा है। इन शेयरों में हेरिटेज फूड्स (Heritage Foods) और अमारा राजा एनर्जी एंड मोबिलिटी (Amara Raja Energy & Mobility) शामिल हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने बनाई थी हेरिटेज फूड्स
- चंद्रबाबू नायडू के परिवार से जुड़ी हेरिटेज फूड्स के शेयरों में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बुधवार दोपहर 1:24 बजे 20% तक उछल गए। शेयरों ने 544 रुपए का नया उच्चतम स्तर छुआ।
- हेरिटेज समूह की स्थापना 1992 में टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने की थी। यह कंपनी डेयरी, रिटेल और एग्रीकल्चर सेक्टर में कारोबार करती है। नायडू के बेटे नारा लोकेश हेरिटेज फूड्स के प्रमोटरों में शामिल हैं।
- यह अपनी सहायक कंपनी हेरिटेज न्यूट्रीवेट लिमिटेड (HNL) के जरिए पशु चारा बेचती है। हेरिटेज फूड्स दूध-दही, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स तैयार करती है। फिलहाल देश के 11 राज्यों में कंपनी का बिजनेस फैला हुआ है।
अमारा राजा एनर्जी से जुड़े हैं गल्ला जयदेव
दूसरी ओर, अमारा राजा एनर्जी के शेयर 12.5% बढ़त के साथ 1,217.55 रुपए पर पहुंच गए। यह कंपनी तेलुगु देशम पार्टी के नेता जय गल्ला के परिवार से जुड़ी है, जो टीडीपी से 2 बार सांसद रहे हैं। हेरिटेज फूड्स के निदेशक मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) गल्ला जयदेव उर्फ जय गल्ला ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह अपने राजनीतिक और व्यापारिक जीवन के बीत तालमेल नहीं बैठा पा रहे थे। हेरिटेज फूड्स और अमारा राजा एनर्जी के शेयरों में आने वाली तेजी के बावजूद स्टॉक बाजार में राजनीतिक और कारोबारी रिश्तों को लेकर संदेह है।