Fix Vs Floating Interest Rates: देश में आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के मकसद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में बैंकों के रेपो रेट में कटौती की है। इससे आने वाले समय में होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे कर्ज सस्ते हो सकते हैं। ब्याज दरों में हुई ये गिरावट न सिर्फ नए उधार लेने वालों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि पहले से लोन ले चुके ग्राहकों को भी राहत मिल सकती है, खासकर अगर उनका लोन फ्लोटिंग रेट पर है। ऐसे समय में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों में क्या अंतर है, और कौन-सा विकल्प आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेगा।
जब भी कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन लोन देता है, तो वह ग्राहक को दो तरह की ब्याज दरें ऑफर करता है, फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट। अक्सर लोग बिना पूरी जानकारी के इनमें से कोई एक विकल्प चुन लेते हैं, जो आगे चलकर उन्हें या तो फायदा देता है या फिर भारी नुकसान का कारण बन सकता है। इसलिए ब्याज दरों में बदलाव के इस दौर में इन दोनों विकल्पों की समझ और तुलना करना बेहद जरूरी है।
फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट में अंतर
फिक्स्ड रेट (Fixed Rate)
फिक्स्ड रेट वह ब्याज दर होती है जो पूरे लोन अवधि में एक समान रहती है। अगर आपने फिक्स्ड रेट चुना है तो आपकी EMI शुरुआत से अंत तक एक समान रहेगी, भले ही बाजार में ब्याज दरें घटें या बढ़ें। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त होता है जो स्थिरता पसंद करते हैं और हर महीने एक निश्चित रकम चुकाने की योजना बनाते हैं। हालांकि, फिक्स्ड रेट आमतौर पर फ्लोटिंग रेट से थोड़ी ज्यादा होती है।
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फ्लोटिंग रेट (Floating Rate)
फ्लोटिंग रेट वह होती है जो बाजार की ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव के अनुसार बदलती रहती है। अगर RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों की लोन दरें घटती हैं और ग्राहक की EMI कम हो सकती है। वहीं, ब्याज दरों में बढ़ोतरी की स्थिति में EMI भी बढ़ जाती है। फ्लोटिंग रेट का फायदा यह है कि आप ब्याज दरों में गिरावट का सीधा लाभ उठा सकते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है जो थोड़े जोखिम लेने को तैयार हैं और लंबी अवधि के लोन ले रहे हैं।
किसे चुनें फिक्स्ड या फ्लोटिंग?
अगर आप चाहते हैं कि आपकी EMI स्थिर रहे और बजट पर असर न पड़े, तो फिक्स्ड रेट आपके लिए सही है। वहीं अगर आप बाजार की हलचलों के साथ चल सकते हैं और संभावित बचत का फायदा उठाना चाहते हैं, तो फ्लोटिंग रेट बेहतर हो सकता है।
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ब्याज दरों में कटौती के इस दौर में फ्लोटिंग रेट का चुनाव अधिक लाभदायक हो सकता है, लेकिन फैसला लेते समय अपनी आर्थिक स्थिति, लोन की अवधि और जोखिम क्षमता का मूल्यांकन जरूर करें।
(कीर्ति)