Trump Tariff: अमेरिकी डॉलर लगातार पांचवें दिन गिरा, जिससे डॉलर सूचकांक (DXY) तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार (14 अप्रैल) को डॉलर में 0.7% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अप्रैल में ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ नीतियों की घोषणा के बाद से DXY में 4% से अधिक की कमी आई है।
टैरिफ वॉर का असर
राष्ट्रपति ट्रंप के आक्रामक टैरिफ नीतियों के कारण निवेशकों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था से भरोसा उठ रहा है। पिछले सप्ताह अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 145% तक बढ़ा दिया, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी आयात पर शुल्क 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया। इस व्यापार युद्ध (Trade War) ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी
कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। शुक्रवार (11 अप्रैल) को रुपया दो साल की सबसे बड़ी एक दिवसीय बढ़त (0.75%) दर्ज करते हुए 86.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर की कमजोरी जारी रही, तो रुपया और अधिक मजबूत हो सकता है।
निवेशकों में बढ़ी चिंता
ट्रंप के टैरिफ नीति से अमेरिकी सरकारी बॉन्ड जैसे सुरक्षित निवेश भी प्रभावित हुए हैं। 10-वर्षीय ट्रेजरी बॉन्ड पर रिटर्न 2001 के बाद सबसे तेज उछाल की ओर है, जो निवेशकों के जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। हालांकि, ट्रंप का दावा है कि डॉलर वैश्विक रिजर्व मुद्रा बना रहेगा, लेकिन बाजार उनके बयानों पर भरोसा करता नहीं दिख रहा।