Elon Musk China Visit: भारत दौरा रद्द करने के बाद अमेरिकी कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क चीन दौरे पर पहुंचे हैं। यहां रविवार को उन्होंने बीजिंग में चीन के प्रीमियर ली कियांग से मुलाकात की। इस दौरान ली कियांग ने मस्क को बताया कि टेस्ला का विकास चीन में अमेरिका-चीन के आर्थिक और व्यापारिक सहयोग का एक सफल उदाहरण माना जा सकता है। उद्योगपति एलन मस्क ने कहा कि भविष्य में सभी कारें इलेक्ट्रिक होंगी। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि टेस्ला जल्द ही एफएसडी इलेक्ट्रिक कार चीनी ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा सकती है।
एलन मस्क ने X पोस्ट कर दी मुलाकात की जानकारी
टेस्ला के सीईओ की बीजिंग यात्रा के दौरान उन्हें फुल सेल्फ ड्राइविंग सॉफ़्टवेयर के रोलआउट और डेटा को विदेश में ट्रांसफर करने की मंजूरी पर बातचीत की उम्मीद है। मस्क ने रविवार को प्रीमियर के साथ मुलाकात की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की। उन्होंने लिखा- प्रीमियर ली कियांग से मिलकर गर्व महसूस हो रहा है। हम कई सालों से एक-दूसरे को जानते हैं, शांघाई के शुरुआती दिनों से। बता दें कि टेस्ला ने 2018 में शंघाई में एक प्लांट शुरू करने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ एक समझौता किया था, यह अमेरिका के बाहर कंपनी की पहली एंट्री थी।
FSD को चीन में लॉन्च करना चाहती है टेस्ला
अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ने चार साल पहले फुल सेल्फ ड्राइविंग (एफएसडी) और ऑटोपायलट सॉफ़्टवेयर का सबसे लेटेस्ट वेरिएंट लॉन्च किया है, लेकिन अब तक इसे चीन में उपलब्ध नहीं कराया गया है, जो कि दुनिया में ईवी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। चीनी ऑटोमोबाइल निर्माता एक्सपेंग जैसी कंपनियां टेस्ला के साथ एक जैसा सॉफ़्टवेयर लॉन्च करके प्राथमिकता हासिल करने की कोशिश में जुटी हैं।
अप्रैल में भारत आने वाले थे मस्क, लेकिन दौरा रद्द
बता दें कि एलन मस्क अप्रैल में 20 और 21 तारीख को भारत दौरे की तैयारियां कर चुके थे, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने दिल्ली की यात्रा रद्द कर दी थी। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाकात कर भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण और बिक्री के लिए निवेश का खाका पेश करने वाले थे। हालांकि, टेस्ला ने कहा है कि सीईओ एलन मस्क इसी साल जुलाई या अगस्त में दिल्ली आएंगे। कंपनी ने कहा है कि वह वैश्विक स्तर पर स्टॉफ में 10% कटौती करेगी, क्योंकि उसके सामने बिक्री में गिरावट और चीनी ब्रांड्स की ईवी की बढ़ती कीमतें चुनौती के तौर पर खड़ी हैं।