Employee Pension Scheme: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कामगारों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कई तरह की सुविधाएं देता है। इसी में से एक है- भारतीय राष्ट्रीय पेंशन योजना। इस पेंशन सुविधा के जरिए ईपीएफओ कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। यह सुविधा संवेदनशीलता और समृद्धि को बढ़ाने में मदद करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ाती है। जानिए इस फैमिली पेंशन योजना के बारे में... 

ईपीएस पेंशन स्कीम क्या है, पढ़िए? 
ईपीएस (इंप्लॉयी पेंशन स्कीम) के जरिए कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा प्रदान की जाती है। इस स्कीम में न केवल कर्मचारी, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों को भी लाभ प्राप्त होता है। यदि ईपीएफ सदस्य की मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी या पति और बच्चों को भी पेंशन का फायदा मिलता है। इसलिए इसे 'फैमिली पेंशन' भी कहा जाता है।

क्या हैं EPS पेंशन के नियम?
किसी भी कर्मचारी को पेंशन का लाभ उठाने के लिए 10 साल तक एक ही नौकरी में लगातार काम करना आवश्यक है। इस स्कीम में केवल कंपनी का योगदान होता है। यहां पीएफ में कंपनी द्वारा किए गए 12% के योगदान का 8.33% EPS में जाता है। फैमिली पेंशन के लिए 10 साल की सर्विस होना जरूरी होता है।

किसे मिलता है पेंशन का लाभ?
किसी ईपीएस मेंबर की मौत के बाद उसके पति या पत्नी को पेंशन का फायदा मिलता है। अगर कर्मचारी के बच्चे होते हैं, तो उन्हें भी 25 साल की उम्र तक पेंशन मिलती है। अगर कर्मचारी शादीशुदा नहीं है, तो उसके नॉमिनी को पेंशन मिलती है। अगर कोई नॉमिनी नहीं है, तो कर्मचारी के माता-पिता इस पेंशन के हकदार होते हैं।