Digital Currency Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने (एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल मुद्रा घोटाले (डिजिटल करेंसी स्कैम) का पर्दाफाश किया है। जिसके तहत अब तक 3000 करोड़ रुपए की लूट हुई है। इस मामले में ईडी ने उत्तराखंड के हल्द्वानी से एक आरोपी परविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी शुक्रवार को की गई छापेमारी के बाद हुई है। सूत्रों के मुताबिक, एफबीआई की एक स्पेशल टीम भी इसके लिए भारत आई है, जो कि इस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
ड्रग्स तस्करी से जुटाया गया फंड, फिर मनी लॉन्ड्रिंग
इस मामले में ज्यादा जानकारी रखने वाले सूत्रों की मानें तो ईडी ने अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त कार्रवाई के तहत डिजिटल करेंसी स्कैम का खुलासा किया है। यह घोटाला तीन हजार करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। ईडी के मुताबिक, इस मामले में बैंक लेन-देन में गैरकानूनी रकम के इस्तेमाल की जांच चल रही है। यह फंड नशीले पदार्थों (ड्रग्स) तस्करी के जरिए जुटाया गया है। जिसे बाद में डिजिटल करेंसी में बदला गया ताकि फंड भारत से बाहर भेजा जा सके। यूएस एफबीआई ने पहले ही दिल्ली के डिजिटल करेंसी एक्सचेंज्स को अलर्ट किया था।
एक आरोपी फरार, FBI के साथ शेयर की गई डिटेल
- सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इस मामले में एफबीआई के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर देशभर की अलग-अलग लोकेशन पर छापेमारी की है। इस दौरान कई अहम दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। इस जानकारी को एफबीआई के साथ साझा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में शामिल एक अन्य आरोपी फरार है।
- यह मामला काफी अहम है क्योंकि वैश्विक अपराधियों ने डिजिटल करेंसी और अपराधों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का खेल शुरू किया है। भारत सरकार ग्लोबल कानूनी एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसी अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सक्रिय तौर पर काम करना शुरू किया है।