Global Market Crash: भारत और जापान समेत एशियाई शेयर बाजारों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखी गई। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार में भारी बिकवाली का असर जापान समेत पूरे एशियाई मार्केट में नजर आया। जापान के इक्विटी बेंचमार्क पिछले महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई से 20% से अधिक फिसल गए। लेकिन येन में उछाल आया है। वहीं, भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 5 अगस्त को सेंसेक्स (Sensex) 2400 अंक करीब 3% तक टूट गया। जबकि निफ्टी (Nifty) 750 अंक टूटकर 23990 पर आ गया। वैश्विक उथल-पुथल से निवेशक आशंकित हैं। इससे दुनियाभर के बाजार लुढ़के हैं।
जापान में इक्विटी बेंचमार्क के लिए फ्यूचर ट्रेड्स रोक
जापान में टॉपिक्स और निक्केई में सोमवार को करीब 10% की गिरावट आई, दोनों बेंचमार्क मंदी के बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। 1959 में ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाएए आंकड़ों के अनुसार, तीन दिवसीय आधार पर टॉपिक्स रिकॉर्ड पर सबसे खराब गिरावट के लिए तैयार था। सर्किट ब्रेकर्स ने दोनों इक्विटी बेंचमार्क के लिए फ्यूचर ट्रेड्स पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। उधर, हांगकांग शेयर बाजार भी बुरी तरह नीचे आया है।
दुनियाभर के बाजारों में गिरावट के कारण?
1) जापान में कड़ी मौद्रिक नीति
बैंक ऑफ जापान ने 31 जुलाई को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया था। इसके बाद से टॉपिक्स के सभी 33 इंडस्ट्रियल ग्रुप में गिरावट आई, जिससे येन में उछाल आया है। साथ ही इससे निर्यातकों के लिए कमाई के दृष्टिकोण पर असर पड़ा है। निवेशकों को उम्मीद थी कि जापानी दरें निचले स्तर पर रहेंगी। लेकिन इसका उल्टा हुआ।
2) अमेरिका में जॉब डेटा कमजोर
अमेरिका में बिगड़ते आर्थिक दृष्टिकोण के कारण निवेशकों का विश्वास डगमगाया है। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद यूएस जॉब डेटा के आंकड़े जारी हुए। इससे पता चला कि जुलाई में अमेरिकी नौकरियों की बढ़ोतरी अपेक्षा से ज्यादा धीमी रही है, जिससे दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक व्यवस्था में मंदी की आशंका बढ़ गई है। इससे ग्लोबल इक्विटी मार्केट पर दबाव बढ़ा है।
3) मध्य-पूर्व नए युद्ध के मुहाने पर
मिडिल ईस्ट में इजरायल के साथ ईरान और लेबनान के बढ़ते तनाव का असर भी दुनियाभर के बाजारों पर दिखाई दे रहा है। हमास चीफ इस्माइल हानिया और लेबनान में हिज्बुल्लाह कमांडर के मारे जाने के बाद ईरान बौखलाया हुआ है। उसने उग्रवादी संगठन हिज्बुल्लाह के साथ ईरान पर हमले की तैयारी कर ली है। दूसरी ओर, इजरायल भी जबावी कार्रवाई के लिए तैयार है। अमेरिका ने अतिरिक्त वॉरशिप और लड़ाकू विमान मिडिल ईस्ट में तैनात किए हैं।
मार्केट क्रैश पर एक्सपर्ट्स की राय?
- ओपीसी एसेट सॉल्यूशंस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन अजय बग्गा ने कहा है कि हमने अमेरिकी बाजार में और आज सुबह एशियाई बाजारों में जो देखा, उसके हिसाब से यह गिरावट उम्मीद के अनुरूप है। अमेरिकी फ्यूचर ट्रेड्स में गिरावट आई है। इसके पीछे 4 प्रमुख कारण हैं। पहला- बैंक ऑफ जापान द्वारा बुधवार को तत्काल ट्रिगर दरें बढ़ाना, दूसरा- अमेरिका से कमजोर जॉब डेटा। उम्मीद यह है कि अमेरिका अगले 12 महीने में मंदी के लिए तैयार हो सकता है।
- Capital.Com के सीनियर मार्केट एनालिस्ट काइल रोडा ने कहा- "हम मूल रूप से बड़े पैमाने पर डिलीवरेजिंग देख रहे हैं क्योंकि निवेशक अपने घाटे को पूरा करने के लिए एसेट्स सेल करते हैं। इसमें तेजी ने चौंकाया है, अब घबराहट में ज्यादा बिक्री हो रही है।''