Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research ने भारत को लेकर एक और बड़ा खुलासा करने की चेतावनी दी है। पिछले साल अडानी ग्रुप पर शेयर में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाने के बाद, अब हिंडनबर्ग (Hindenburg India) ने सोशल मीडिया पर एक नया पोस्ट कर इस बात का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार किसी कंपनी का नाम सामने नहीं आया है।
अडानी ग्रुप पर लगे थे गंभीर आरोप
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। अडानी ग्रुप स्कैंडल (Adani Group scandal) से जुड़ी इस रिपोर्ट के आने के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, हालांकि बाद में कुछ सुधार देखा गया। इस रिपोर्ट के संबंध में भारतीय शेयर बाजार नियामक, सेबी (SEBI) ने भी 46 पन्नों का शो-कॉज नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में हिंडनबर्ग पर गलत बयानी का आरोप लगाया गया था।
हिंडनबर्ग ने SEBI पर भी लगाए थे आरोप
हिंडनबर्ग ने SEBI पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह धोखाधड़ी करने वालों की सुरक्षा में ज्यादा रुचि रखती है, बजाय इसके कि वह निवेशकों की रक्षा करे। हिंडनबर्ग ने दावा किया कि SEBI ने अडानी ग्रुप की शेयरों की गिरावट को रोकने के लिए ब्रोकरों पर दबाव डाला था। इसके परिणामस्वरूप, अडानी ग्रुप के शेयरों में खरीदारी का दबाव बढ़ा और ग्रुप को समर्थन मिला।
सुप्रीम कोर्ट की जांच के बाद बदली SEBI की स्थिति
हिंडनबर्ग के ब्लॉग में कहा गया कि जब सार्वजनिक दबाव और सुप्रीम कोर्ट की जांच के बाद मामला उठाया गया, तो SEBI का रुख थोड़ा बदलता दिखा। ब्लॉग के अनुसार, SEBI सुप्रीम कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाया कि वे एफपीआई (FPI) को फंड करने वालों से अडानी का संबंध नहीं है। SEBI ने बाद में कहा कि वे इस मामले की और जांच नहीं कर सकते।
उदय कोटक की कंपनी पर भी निशाना
हिंडनबर्ग ने उदय कोटक की फर्म पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ब्रोकरेज फर्म्स ने ऐसे ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाए, जो अडानी ग्रुप के शेयरों को शॉर्ट सेलिंग कर फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल किए गए। SEBI ने इस संबंध में केवल 'K-India Opportunities Fund' का जिक्र किया, जबकि कोटक का नाम 'KMIL' के साथ छिपा दिया।
जानें, सेबी ने शो कॉज नोटिस में क्या कहा था
SEBI ने अपने शो कॉज़ नोटिस में चार बड़ी बातें कही थीं, जिसमें उन्होंने हिंडनबर्ग पर कई आरोप लगाए थे। इन आरोपों में गलत बयानी और निवेशकों को गुमराह करने के आरोप शामिल थे। हिंडनबर्ग ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि SEBI का यह रवैया यह दर्शाता है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं और वे धोखाधड़ी करने वालों की सुरक्षा में अधिक रुचि रखते हैं।