Hindenburg Research: शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर लगाए गए आरोपों के जवाब में नए सवाल खड़े किए हैं। रविवार देर रात हिंडनबर्ग ने X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में कहा कि SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के जवाब ने कई अहम तथ्यों की पुष्टि की है और साथ ही कुछ नए सवाल भी खड़े किए हैं।
रिसर्च फर्म ने माधवी बुच के जवाब को लेकर किए दावे
हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी बुच के जवाब से यह साफ हो गया है कि उनके और उनके पति का निवेश बरमूडा/मॉरीशस के एक अस्पष्ट फंड में था, जिसे उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडाणी समूह के डायरेक्टर थे। SEBI की अडाणी मामले में जांच पर सवाल उठाते हुए हिंडनबर्ग ने कहा कि SEBI को अडाणी से संबंधित उन निवेश फंडों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था, जिनमें माधबी बुच ने खुद निवेश किया था। यह वही फंड था जिसे हमारी मूल रिपोर्ट में हाइलाइट किया गया था।
अगोरा एडवाइजरी फर्म की मालकिन हैं माधवी बुच
- इसके अलावा, हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि SEBI चेयरपर्सन बनने से पहले माधबी पुरी बुच द्वारा स्थापित की गई दो कंसल्टिंग फर्म उनकी नियुक्ति के बाद निष्क्रिय हो गईं, लेकिन उनके पति ने 2019 में उनका कार्यभार संभाल लिया।
- हिंडनबर्ग ने एक पोस्ट में बताया कि 31 मार्च, 2024 तक की शेयरहोल्डिंग लिस्ट के अनुसार, अगोरा एडवाइजरी लिमिटेड (इंडिया) का 99% मालिकाना हक अब भी माधबी पुरी बुच के पास है, न कि उनके पति के पास। इसके अलावा, सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार, माधबी पुरी बुच 16 मार्च, 2022 तक अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक थीं, और SEBI होल टाइम मेंबर के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इसकी मालिक रही थीं।
माधवी ने बिजनेस के लिए पर्सनल ईमेल का यूज किया
हिंडनबर्ग ने SEBI चेयरपर्सन के होने का दावा करने वाले एक पर्सनल ईमेल की कॉपी भी साझा की, जिसमें आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच ने SEBI के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में कार्य करते हुए अपने पति के नाम का उपयोग करके बिजनेस करने के लिए अपने पर्सनल ईमेल का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही सवाल उठाया गया कि ऑफिशियल पोस्ट पर रहते हुए SEBI चेयरपर्सन ने अपने पति के नाम से और कौन से निवेश या व्यवसाय किए हैं?
सेबी चीफ और अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में दावा किया है कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडाणी समूह द्वारा इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड्स में हितों का टकराव हो सकता है। जिससे अडाणी समूह की जांच में अनियमितताएं हुईं। इसके बाद SEBI और माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बतौर चेयरपर्सन सही समय पर सभी जरूरी जानकारियां दी गई हैं और कोई भी हितों का टकराव नहीं हुआ है। यह सिर्फ हमारा चरित्र हनन करने का एक प्रयास है।