EPFO Rules: नौकरी बदलने पर EPF अकाउंट को मर्ज कराएं, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान; जानिए 7 Steps
- EPFO अकाउंट से 5 साल बाद रकम निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
- EPFO अकाउंट से 5 साल बाद रकम निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
EPFO Merger Process: आमतौर पर प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग नई कंपनी या संस्थान ज्वाइन करने पर अपने पीएफ (Provident Fund) अकाउंट को लेकर गलतफहमी में रहते हैं। अधिकांश कर्मचारी सोचते हैं कि उनके UAN से नया पीएफ अकाउंट स्वत: लिंक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है। हमें खुद EPFO की वेबसाइट पर जाकर भविष्य निधि खाते को UAN से जुड़वाना पड़ता है। ऐसा नहीं करने पर कई बार नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
जानकारों के मुताबिक, नए और पुराने अकाउंट को UAN से मर्ज नहीं करने पर आपको पुराने पीएफ खाते में जमा भविष्य निधि की रकम एक साथ नहीं दिखेगी। टैक्स बचाने के लिहाज से भी ऐसा करना सही है, क्योंकि पीएफ खाते से 5 साल के बाद पैसा निकालने पर इस रकम पर टैक्स छूट मिलती है।
एक्सपीरियंस होगा कम काउंट
दूसरा कारण है कि पीएफ अकाउंट मर्ज नहीं कराने पर हर कंपनी के आधार पर अलग-अलग टीडीएस कटेगा। जैसे- अगर आपने 2 अलग कंपनियों में 4-4 साल जॉब की है तो दोनों खाते मर्ज होने पर आपका कुल अनुभव 8 साल काउंट होगा। ऐसा नहीं किया तो अनुभव 4-4 साल अलग-अलग ही गिना जाएगा।
कैसे करें EPFO अकाउंट मर्ज, 7 Steps
1. अपने सभी EPFO खाते मर्ज कराने के लिए EPFO के ऑफिशियल पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं।
2. Online Services सेक्शन में 'One Member - One EPF Account (Transfer Request)' सिलेक्ट करें।
3. पर्सनल और मौजूदा इंप्लायर की डिटेल भरकर अकाउंट को वेरिफाई करें।
4. इसके बाद गेट डिटेल्स पर क्लिक करेंगे तो पुराने इंप्लायर्स की लिस्ट खुल जाएगी।
5. अपने जिस पीएफ अकाउंट को ट्रांसफर करवाना चाहते हैं, उस पर क्लिक करें।
6. 'Get OTP' पर क्लिक कर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आए ओटीपी को सबमिट करें।
7. रिक्वेस्ट सबमिट पर मौजूदा इंप्लायर उसे अप्रूव करेगा। तब EPFO खातों को नए अकाउंट में मर्ज करेगा।
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