Budget 2024 Expectations by Senior Citizens: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल यानी गुरुवार (1 फरवरी) को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। नौकरीपेशा, आम टैक्सपेयर के जैसे ही देश के सीनियर सिटिजन (बुजुर्ग) या पेंशनर्स को भी बजट में राहत की उम्मीद है। देश के अधिकांश सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) पेंशन या किराये से होने वाली फिक्स इनकम पर जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में सरकार इस उम्र के लोगों के लिए राहत भरे फैसले ले सकती है। हालांकि, चुनावी साल होने के चलते यह अंतरिम बजट (Interim Budget) होगा। नई सरकार बनने के बाद जून-जुलाई में पूर्ण बजट आएगा।
इनकम टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने की मांग
जानकारों की मानें तो इस बार का आम बजट एक वोट ऑन काउंट है और सीनियर सिटिजन्स के लिए बड़े ऐलान की संभावना कम ही है। आरएसएम इंडिया के फाउंडर डॉ. सुरेश सुराना कहते हैं कि पुराने टैक्स रिजीम में 60 साल से अधिक उम्र वाले (सिनियर सिटीजन) के लिए 3 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स में छूट है। जबकि 80 साल वालों के लिए इनकम टैक्स छूट की लिमिट 5 लाख रुपए है। क्योंकि इसमें लंबे वक्त से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए महंगाई के दौर में गुजारा करने के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाना बुजुर्ग टैक्स पेयर्स को राहत देगा।
हेल्थ केयर में डिडक्शन बढ़ाने की मांग
सीनियर सिटीजन्स के लिए हेल्थ केयर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सेक्शन 80डी के अंतर्गत ओल्ड टैक्स रिजीम में डिडक्शन लिमिट मौजूदा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए तक की जा सकती है। इसके अलावा सीनियर सिटीजन्स न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम दोनों में कर छूट की सीमा बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। एनपीएस और ईपीएस से टैक्स फ्री पेंशन चाहते हैं। इसी तरह सेविंग बैंक खाते और एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर सेक्शन 80टीटीबी के तहत टैक्स छूट को 50 हजार रुपए से बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
सभी सीनियर सिटीजन्स को रिटर्न फाइलिंग से मिले मुक्ति
दूसरी खास बात ये है कि अभी सेक्शन 194पी के अंतर्गत 75 साल के ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन्स को आयकर रिटर्न फाइल करने से छूट मिली हुई है। इसे सभी सीनियर सिटीजन पर लागू करने की मांग भी उठी है। इसके साथ ही हर साल सीनियर सिटीजन की सरकार से उम्मीद होती है कि वह उनकी जिंदगीभर की कमाई जो कि उनके बुढ़ापे का सहारा है। उसकी सुरक्षा और ग्रोथ को लेकर नीतिगत फैसला ले। इनमें सरकारी निवेश योजनाओं की शुरुआत हेल्थकेयर और पेंशन फंड जैसे अहम फैसले शामिल होते हैं।