ITR Filing: करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने 31 जुलाई तक आखिरी मौका है। इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने एनुअल इंफार्मेशन सिस्टम (एआइएस) पोर्टल अपलोड कर दिया है। रिटर्न दाखिल करने से पहले एआइएस से मिलान कर लें। आयकर विभाग को तकरीबन 50 स्रोतों से लेन-देन की सूचना मिल रही है, जिसे एआइएस में दर्ज किया गया है। 

भारी पड़ सकती है असावधानी 
रिटर्न की जांच भी AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से होती है। ऐसे में जरा सी असावधानी भारी पड़ सकती है। एआइएस में सभी कर दाताताओं के आय, लाभांश, ब्याज, पूंजीगत लाभ, किराया, टीडीएस, बैंक खातों के जमा, म्युचुअल फंड व कर भुगतान जैसे तमाम लेन-देन परिलक्षित हैं।

सेल्फ फाइल रिटर्न फार्म 
सीए सिंघई संजय  जैन ने बताया कि करदाता को एआइएस ही सीधे रिटर्न फाइल करने का विकल्प देता है। ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करते समय एआइएस के आधार पर ट्रांजेक्शन इंफार्मेशन स्टेटमेंट (टीआइएस) जनरेट होता है। जिसके आधार पर सेल्फ फाइल रिटर्न फार्म तैयार हो जाता है। 

तो सिलेक्ट करें आब्जेक्शन कटेगरी 
कोई करदाता खुद रिटर्न दाखिल करता है, लेकिन टीआइएस में दर्ज आय पर आपत्ति है तो इस पर आब्जेक्शन दर्शाना होगा। पोर्टल पर इसके लिए आपत्ति यानी आब्जेक्शन की कैटेगरी सिलेक्ट करनी होगी।

डिडक्शन लाभ के लिए चुनें पुरानी रिजिम 
इस साल के रिटर्न में नई टैक्स रिजिम डिफाल्ट सिलेक्ट होती है। लिहाजा, जो करदाता लोन, बच्चों की फीस व बीमा व अन्य निवेश पर डिडक्शन का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें पुरानी रिजिम चुननी होगी। फार्म 10 आइबी भरकर वह पुरानी रिजिम में टैक्स गणना कर दाखिल कर सकते हैं। 

पुख्ता दस्तावेज हों तभी करें रिफंड क्लेम 
आयकर विभाग इस बार काफी सख्त है। लिहाजा, निवेश व खर्च की रसीदें और पुख्ता दस्तावेज होने पर ही रिफंड क्लेम करें। आयकर विभाग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस साफ्टवेयर का उपयोग करता है। ऐसे में बोगस रिफंड तुरंत पकड़ में आएंगे। और मोटी पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है।